"लोकतंत्र में चुनाव आयोग का गठन ट्रस्ट के साथ होना चाहिए": NDTV से पूर्व CEC एसवाय कुरैशी

एसवाई क़ुरैशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कई कॉलेजियम के हिस्सा हैं. इसमें भी अगर वह बने रहते तो और अच्छा था. तीसरा मेंबर सिलेक्शन कमिटी का स्वतंत्र होना चाहिए. आप किसी पूर्व सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी शामिल कर सकते हैं. सरकार को इस बिल पर राजनीतिक सहमति बनाकर ही आगे बढ़ना चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins

नई दिल्ली: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने कहा कि संविधान में लिखा था कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए सरकार को कानून बनना चाहिए, जो 70 साल में कानून नहीं बना था. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को कानून बनना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम व्यवस्था के तहत कॉलेजियम बनाने को कहा, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल हो. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा नहीं कहा कि आप नए कानून में कॉलेजियम व्यवस्था को डालिए.

उन्होंने कहा कि हालांकि जो आत्मा सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट की थी कि सरकार यूनिलैटरल अपॉइंटमेंट ना करें. उस पर उंगली उठ सकती है. चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बिल में प्रस्तावित सिलेक्शन कमेटी का जो प्रस्ताव है, उसमें प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री हमेशा एक तरफ रहेंगे और विपक्ष के नेता तो हमेशा के लिए आउट वोट हो जाएगा.

एसवाई क़ुरैशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कई कॉलेजियम के हिस्सा हैं. इसमें भी अगर वह बने रहते तो और अच्छा था. तीसरा मेंबर सिलेक्शन कमिटी का स्वतंत्र होना चाहिए. आप किसी पूर्व सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी शामिल कर सकते हैं. सरकार को इस बिल पर राजनीतिक सहमति बनाकर ही आगे बढ़ना चाहिए. लोकतंत्र में चुनाव आयोग का गठन ट्रस्ट के साथ होना चाहिए.

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने कहा कि चुनाव आयुक्त को कैबिनेट सेक्रेटरी का दर्जा देने का प्रस्ताव भी सही नहीं है. चुनाव आयुक्त को चुनावी प्रक्रिया को मैनेज करना होता है जो बहुत ही संवेदनशील प्रक्रिया है. उन्हें राजनीतिक दलों को डिसिप्लिन करना पड़ता है. इसके लिए जरूरी है कि चुनाव आयुक्त का दर्जा बढ़ाया जाए.

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने कहा कि चुनाव आयोग विश्व गुरु है. दुनिया में चुनाव कराने के मामले में पिछले 10 साल में 108 देश के चुनाव अधिकारी चुनाव आयोग में ट्रेनिंग ले चुके हैं. बिल के प्रारूप में सुधार जरूरी है. सरकार को नए बिल पर राजनीतिक सहमति बनाकर और इसके मौजूदा प्रारूप में संशोधन करके आगे बढ़ना चाहिए.

ये भी पढ़ें:-
अनंतनाग में शहीद सैन्य अधिकारियों को नम आंखों के साथ दी गई अंतिम विदाई
जम्मू-कश्मीर में 48 घंटे से चल रही मुठभेड़, घने जंगलों में छिपे हैं आतंकी, एक जवान लापता

Advertisement
Featured Video Of The Day
Khesari Lal Yadav Vs Chhoti Kumari: Chhapra Seat पर कौन पड़ेगा भारी? Bihar Elections 2025
Topics mentioned in this article