उपचुनाव रिजल्ट: कांग्रेस ने 3 सीटों, BJP और उसकी सहयोगी ने 2 सीटों पर दर्ज की जीत

कांग्रेस ने महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में क्रमश: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से एक-एक सीट छीन ली. साथ ही द्रविड़ मुनेष कड़गम (द्रमुक) के समर्थन से तमिलनाडु में एक सीट बरकरार रखी.

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

विधानसभा उपचुनाव के नतीजे गुरुवार को कांग्रेस के लिए कुछ राहत लेकर आये. कांग्रेस ने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में एक-एक सीट पर जीत दर्ज की. कांग्रेस ने महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में क्रमश: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से एक-एक सीट छीन ली. साथ ही द्रविड़ मुनेष कड़गम (द्रमुक) के समर्थन से तमिलनाडु में एक सीट बरकरार रखी. वहीं भाजपा और उसकी सहयोगी आजसू ने क्रमश: महाराष्ट्र और झारखंड में एक-एक सीट जीती.

पश्चिम बंगाल की सागरदिघी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार बायरन विश्वास ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रत्याशी को 22,980 मतों से पराजित किया. इसके साथ ही वह मौजूदा विधानसभा के लिए निर्वाचित होने वाले कांग्रेस के पहले विधायक बन गए हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को सागरदिघी विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस की जीत को ‘‘अनैतिक'' बताते हुए आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अलावा कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा के साथ समझौता किया था. बनर्जी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव ‘‘आम लोगों के समर्थन से'' अकेले लड़ेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘सागरदिघी सीट पर हार के लिए मैं किसी को दोष नहीं देती. कभी-कभी, लोकतंत्र में, घटनाक्रम आमतौर पर सकारात्मक या नकारात्मक हो सकते हैं. लेकिन यह एक अनैतिक गठबंधन था, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने वोट कांग्रेस को स्थानांतरित किए.''पिछले साल दिसंबर में राज्य के मंत्री सुब्रत साहा के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के गृह क्षेत्र मुर्शिदाबाद के तहत आने के कारण इस सीट पर उपचुनाव को उनके लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा था. भाजपा महाराष्ट्र के पुणे में चिंचवाड़ विधानसभा सीट पर कब्जा करने में कामयाब रही, लेकिन जिले में अपने गढ़ कस्बा पेठ विधानसभा सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा.

कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने कस्बा पेठ उपचुनाव में जीत दर्ज की. भाजपा अपने गढ़ पुणे की इस सीट को बरकरार रखने में विफल रही और उसके उम्मीदवार हेमंत रसाने को हार का सामना करना पड़ा. कस्बा पेठ सीट पर भाजपा 28 साल से जीत दर्ज करती आई थी. पुणे से मौजूदा भाजपा सांसद गिरीश बापट ने 2019 तक पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था.

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के समर्थन वाले उम्मीदवार धंगेकर ने भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की. मतगणना के अंतिम दौर के बाद निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, धंगेकर को 73,194 वोट मिले जबकि रसाने को 62,244 वोट मिले. त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन हालांकि निराशाजनक रहा.

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