वह कानून जिससे अवैध विदेशियों को वापस भेजना चाहते हैं असम के सीएम, कौन तय करेगा नागरिकता

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने कहा है कि अवैध विदेशियों को पहचान कर बाहर निकालने के लिए अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को कानून लागू किया जाएगा.इस कानून में जिला आयुक्त के पास अवैध विदेशियों की पहचान कर उन्हें बाहर भेजने का अधिकार है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार अवैध विदेशियों की पहचान करने और उन्हें देश से बाहर निकालने के लिए अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को कानून को लागू करेगी. शर्मा ने दावा किया कि यह कानून जिला आयुक्तों को अवैध विदेशियों को अवैध घोषित करने और उन्हें देश से बाहर निकालने का अधिकार देता है.इस कानून के वजह से अवैध विदेशियों को वापस उनके देश भेजने के लिए फॉरेनर ट्रिब्यूनल जाने की जरूरत नहीं रहेगी. सरमा ने इसकी घोषणा सोमवार को बुलाए गए असम विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में की. 

सरमा ने सदम में कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में 330 लोगों को उनको वापस बांग्लादेश भेजा गया है. इन लोगों को फॉरेनर ट्रिब्यूनल ने विदेशी नागरिक घोषित किया था.सदन में सरमा ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का जिक्र किया, जिसे तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाले पांच जजों के संविधान पीठ ने सुनाया था. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने सिटिजनशिप एक्ट की धारा-6A को वैध ठहराया गया था. इस धारा में असम की नागरिकता के लिए 24 मार्च 1971 को कट ऑफ डेट बताया गया था.  

असम के एक फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अपनी नागरिकता साबित करने के लिए पहुंचे लोग. फाइल फोटो.

नागरिकता पर कौन करेगा फैसला फॉरेनर ट्रिब्यूनल या जिला उपायुक्त

सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पुष्टि की थी कि 1950 का निष्कासन अधिनियम अभी भी वैध और प्रभावी बना हुआ है. इसका मतलब है कि विदेशियों को निष्कासित करने के लिए सरकार को ट्रिब्यूनल में जाने की जरूरत नहीं है. उनका कहना था कि 1950 के कानून में कहा गया है कि अगर डीसी (जिला उपायुक्त) कहता है कि प्रथम दृष्टया यह व्यक्ति विदेशी है, तो उसे असम राज्य से बेदखल किया जा सकता है. सरमा ने कहा कि इस कानून में यह भी कहा गया है कि यह उन लोगों पर लागू नहीं होगा जो धार्मिक उत्पीड़न जैसे कारणों से अपना देश छोड़कर आए हैं. यह कानून एक मार्च 1950 से अस्तित्व में आया था.

Advertisement

असम के मुख्यमंत्री सरमा जिस अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 (The Immigrants (Expulsion from Assam) Act, 1950)केंद्र सरकार को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को असम से बाहर भेजने का आदेश दे सकती है. ये वे लोग हैं जो भारत के बाहर से असम में आए हैं, चाहे वे इस कानून के लागू होने से पहले आए हों या बाद में. अगर उनका असम में रहना भारत के आम लोगों या असम की किसी अनुसूचित जनजाति के हितों के लिए हानिकारक है, तो उन्हें वापस भेजा जा सकता है. इसका मकसद असम की सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यकीय संतुलन को बनाए रखना है. विभाजन के बाद असम की जनसंख्या में बड़ा बदलाव आया था. बड़ी संख्या में लोग आज के बांग्लादेश से असम में दाखिल हुए थे.सीमा पार से होने वाले घुसपैठ को देखते हुए यह कानून केवल असम में लागू होता है, हालांकि इसे पूरे देश में भी लागू किया जा सकता है.

Advertisement

असम के बरपेटा का फॉरेनर ट्रिब्यूनल.

असम के फॉरेनर ट्रिब्यूनल और उन पर लगे आरोप

सरमा ने इस साल 31 मई को इस बात की पुष्टि की थी कि उन बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है, जिन्हें असम के फॉरेनर ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित किया है.दरअसल असम में फॉरेनर ट्रिब्यूनल अर्ध न्यायिक निकाय हैं. ये ट्रिब्यूनल नागरिकता के मामलों पर फैसले लेते हैं. इन पर मनमानी और पक्षपात के साथ-साथ वर्तनी की छोटी-मोटी गलतियों, दस्तावेजों की कमी या कुछ भूल जाने की स्थिति में लोगों विदेशी घोषित करने का आरोप लगता रहा है. कुछ परिवारों ने आरोप लगाया था कि उन्हें अपने परिजनों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. कुछ परिवारों ने बांग्लादेश से आए वीडियो से अपने रिश्तेदारों की पहचान की थी. ऐसे परिवारों ने अपने परिजनों को जबरन सीमा पार भेजने की शिकायत की थी. 

Advertisement

इन आरोपों के बाद सरमा ने दावा किया था कि विदेशियों को वापस भेजने की प्रक्रिया फरवरी में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने चार फरवरी को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य के हिरासत केंद्रों में बंद विदेशी नागरिकों को तुरंत वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू करे.

Advertisement

ये भी पढ़ें: NDTV की खबर का बड़ा असर: दिल्ली में अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, अध्यादेश पास

Featured Video Of The Day
Ahmedabad Plane Crash घटनास्थल से PM Modi की पहली तस्वीरें | Air India Plane Crash | Gujarat | NDTV
Topics mentioned in this article