अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया. आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि इसके बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. वैश्विक निकाय ने अपने वार्षिक विश्व आर्थिक परिदृश्य में 2024-25 के लिए वृद्धि पूर्वानुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया. इससे पहले जनवरी में अनुमान जताया गया था कि यह आंकड़ा 6.8 प्रतिशत रहेगा. चालू वित्त वर्ष में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में 2022-23 में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
आईएमएफ का वृद्धि अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम है. आरबीआई के मुताबिक 2022-23 में वृद्धि दर सात प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रह सकती है. सरकार ने 2022-23 के लिए अभी जीडीपी आंकड़े जारी नहीं किए हैं. आईएमएफ के मुताबिक चीन की वृद्धि दर 2023 में 5.2 प्रतिशत और 2024 में 4.5 प्रतिशत रह सकती है. इसकी वृद्धि दर 2022 में तीन प्रतिशत थी.
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि आपूर्ति-श्रृंखला की रुकावटें और युद्ध के कारण ऊर्जा तथा खाद्य बाजारों में पैदा हुई बाधाएं भी कम हो रही है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ज्यादातर केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई मौद्रिक सख्ती का फल मिलना शुरू हो जाना चाहिए. साथ ही मुद्रास्फीति अपने लक्ष्यों की ओर वापस आ रही है. उन्होंने कहा कि आईएमएफ के ताजा अनुमानों के मुताबिक वैश्विक वृद्धि दर इस साल 2.8 प्रतिशत और 2024 में तीन प्रतिशत रहेगी. साथ ही मुद्रास्फीति भी 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर इस साल सात प्रतिशत और 2024 में 4.9 प्रतिशत रह सकती है.
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