विकास को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग और महंगाई चिंता का विषय: IMF की गीता गोपीनाथ

गीता गोपीनाथ ने भारत के लिए कहा कि आत्मविश्वास ऊंचा रखें, महंगाई महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में मुख्य महंगाई अधिक है और इस पर गौर करने की जरूरत है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
गीता गोपीनाथ ने भारत के लिए कहा कि आत्मविश्वास ऊंचा रखें. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2021 के लिए भारत के विकास (India's Growth) अनुमान को बिना बदले 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने कहा कि विकास को बनाए रखने के लिए देश को टीकाकरण दर को बनाए रखना होगा. उन्होंने कहा कि पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट आर्थिक सुधार को गति देगा. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से महंगाई और बेरोजगारी पर नजर रखने को कहा. गोपीनाथ ने एनडीटीवी को बताया, "विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों ने कोरोनोवायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद सुधार दिखाया है, लेकिन फोकस का क्षेत्र पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होगा, क्योंकि यहीं से विकास के रास्ते खुलेंगे."

उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र, तेल की ऊंची कीमतें और मुद्रास्फीति या महंगाई कुछ प्रमुख कारक हैं जिन पर भारत को नजर रखनी होगी. “दूसरी बात, भारत को महामारी का मुकाबला करने के लिए टीकाकरण करना होगा. आत्मविश्वास ऊंचा रखें, महंगाई महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में मुख्य महंगाई अधिक है और इस पर गौर करने की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों के हालत अब ठीक हो गए हैं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हैं जो महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और “इस तथ्य को देखते हुए कि बहुत से लोग वापस काम पर नहीं लौट पाए हैं , रोजगार की समस्या है.”

Advertisement

आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि लोग अभी भी ग्रामीण रोजगार बीमा धन का उपयोग जीवित रहने के लिए कर रहे हैं और यह विकास का वास्तविक संकेतक है.

Advertisement

उन्होंने सुझाव दिया, "ये अनिश्चित समय हैं, वित्तीय क्षेत्र का जोखिम और संक्रमण का जोखिम हमेशा बना रहता है, इसलिए ऐसे संकेतकों पर ध्यान देना होगा."

Advertisement

उन्होंने घरों और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए निकट शर्तों में अधिक से अधिक वित्तीय सहायता और राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए उधार की लागत में कटौती की वकालत की.

Advertisement

उन्होंने कहा कि टीकाकरण की उच्च दर ने भारत के विकास को अच्छी स्थिति में रखा है और इस तथ्य से मदद मिली है कि आबादी के एक बड़े हिस्से को कम से कम टीके की एक खुराक मिल चुकी है.

गोपीनाथ ने इस तथ्य पर जोर दिया कि लगभग 75 प्रतिशत देश इस वर्ष के अंत तक अपनी 40 प्रतिशत आबादी को टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम नहीं होंगे, विशेष रूप से अफ्रीका में. भारत ऐसे देशों को वैक्सीन निर्यात करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है.

यह भी पढ़ेंः

Featured Video Of The Day
Sambhal Jama Masjid Clash से 3 लोगों की मौत, वाहनों में लगाई आग, 30 से अधिक पुलिस कर्मी घायल
Topics mentioned in this article