आईआईटी कानपुर में कृत्रिम बारिश का टेस्ट सफल, क्लाउड सीडिंग के जरिए हुई बारिश

क्लाउड सीडिंग का सफल परीक्षण हो चुका है. सफल परीक्षण उड़ान का अर्थ है कि अब हम बाद के चरणों में क्लाउड सीडिंग करने और इसे सफल बनाने के लिए तैयार हैं.

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IIT कानपुर ने 21 जून को क्लाउड सीडिंग के लिए एक परीक्षण उड़ान आयोजित की
कानपुर:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर (आईआईटी-के) ने क्लाउड सीडिंग के लिए एक उड़ान का सफल परीक्षण किया. आईआईटी-के द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि संस्थान ने गत 21 जून को क्लाउड सीडिंग के लिए एक परीक्षण उड़ान आयोजित की. यह परियोजना कुछ साल पहले आईआईटी कानपुर में शुरू की गई थी और इसका नेतृत्व कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मनिन्द्र अग्रवाल कर रहे हैं. यह प्रयोग डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के अनुमोदन से किया गया था.

क्लाउड सीडिंग में वर्षा की संभावना को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न रासायनिक एजेंट जैसे सिल्वर आयोडाइड, सूखी बर्फ, नमक और अन्य तत्वों का उपयोग शामिल है. प्रोफ़ेसर मनिन्द्र अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को इस बारे में कहा, "हमें ख़ुशी है कि क्लाउड सीडिंग के लिए हमारा परीक्षण सफल रहा. सफल परीक्षण उड़ान का अर्थ है कि अब हम बाद के चरणों में क्लाउड सीडिंग करने और इसे सफल बनाने के लिए तैयार हैं."

उन्होंने आगे कहा, "हम पिछले कुछ वर्षों से इस परियोजना पर काम कर रहे हैं. कोविड महामारी के कारण खरीद प्रक्रियाओं में देरी हुई लेकिन अब, डीजीसीए से मंजूरी और पहले परीक्षण के सफल समापन के बाद, हम सेटअप पूरा करने के करीब हैं."

यह उड़ान लगभग 5000 फीट की ऊंचाई तक गई और परीक्षण पूरा करने के बाद आईआईटी कानपुर फ्लाइट लैब हवाई पट्टी पर वापस आ गई.

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