- रेबीज टीके को लेकर ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के बीच IIL ने सफाई दी है
- कंपनी ने कहा एडवाइजरी में साल 2023 के पुराने संदर्भ का हवाला दिया गया , जिसका मौजूदा स्थिति से कोई संबंध नहीं
- कंपनी ने कहा कि ऐसे पुराने संदर्भों से भ्रम फैल सकता है, जबकि जमीनी स्थिति पूरी तरह अलग हैं
रेबीज टीके को लेकर ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के बीच उठ रहे सवाल पर इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) स्पष्टीकरण दिया है. कंपनी ने साफ किया है कि एडवाइजरी में साल 2023 के पुराने संदर्भ का हवाला दिया गया है, जिसका मौजूदा स्थिति से कोई संबंध नहीं है. आईआईएल का कहना है कि ऐसे पुराने संदर्भों से भ्रम फैल सकता है, जबकि जमीनी स्थिति पूरी तरह अलग हैं.
गड़बड़ी खुद पकड़कर की कार्रवाई
अभयरब टीके को लेकर कंपनी ने स्पष्ट किया कि जनवरी 2025 में एक विशेष बैच में पैकेजिंग से जुड़ी गड़बड़ी खुद पहचानी और नियमानुसार तत्काल कार्रवाई की गई. कंपनी ने कहा कि यह एक अलग मामला है और संबंधित नकली बैच अब मार्केट में मौजूद नहीं है.
आईआईएल के अनुसार, गड़बड़ी सामने आते ही भारतीय दवा नियामक एजेंसियों और कानून प्रवर्तन संस्थानों को तुरंत सूचना दी गई और औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई. कंपनी के अनुसार, इस पूरे मामले का मौजूदा रेबीज टीका आपूर्ति या टीकाकरण कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ा है.
कंपनी ने जताई आपत्ति, ऑस्ट्रेलिया स्वस्थ्य विभाग को लिखा पत्र
कंपनी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि एडवाइजरी को संशोधित करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. जानकारी के अनुसार, अभयरब टीके का निर्माण साल 2000 से किया जा रहा है. भारत में अब तक 21 करोड़ से अधिक डोज और 43 देशों में टीके की सप्लाई की जा चुकी हैं. इस टीके की भारत में ही लगभग 40% हिस्सेदारी है.
टीका पूरी तरह सुरक्षित- IIL
इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड के उपाध्यक्ष और क्वालिटी प्रमुख सुनील तिवारी ने कहा कि कंपनी की गुणवत्ता और निगरानी प्रणाली मज़बूत है और जनता निश्चिंत होकर वैक्सीन पर विश्वास कर सकती है. आईआईएल की बनने वाली हर वैक्सीन बैच को भारत सरकार की सेंट्रल ड्रग लैबोरेट्री से जांच और मंज़ूरी के बाद ही मार्केट में उपलब्ध कराया जाता है. सरकारी अस्पतालों और अधिकृत वितरकों के जरिये मिल रहा टीका पूरी तरह सुरक्षित है.














