भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान पर पलटवार किया है. BJP ने मनरेगा के फंड पर दिए बयान को लेकर अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी है. BJP के प्रवक्ता ने कहा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल में हिम्मत है तो अगले 24 घंटे में वो ये साबित करें कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के लिए जारी होने वाले फंड में 25 फीसदी की कटौती की है. मैं केजरीवाल को चुनौती देता हूं.आपकी राजनीति बड़ी सतही है. वैसे ही आपकी पीसी भी बड़ी सतही होती है. केजरीवाल जी आपने तीन बड़े झूठ बोलकर ये सोचा कि मैं निकल जाऊंगा. बीजेपी आपको ठोस आंकड़ों के आधार पर चुनौती देती है. मैं चुनौती देता हूं कि है अगर आपमे हिम्मेत तो अगले 24 घंटे के अंदर आप ये साबित करें कि केंद्र की सरकार ने मनरेगा के फंड में 25 फीसदी की कटौती की है.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने कहा कि मनरेगा की राशि में 25 फीसदी की कटौती की गई है. ये उनका पहला झूठ है. मोदी जी ने न सिर्फ मनरेगा का बजट बढ़ाया साथ ही सुनिश्चित किया की उसका एक-एक पैसा गरीब तक पहुंचे. ये सिर्फ मोदी जी की वजह से संभव हो पाया है. मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि वर्ष 2021-22 में मनरेगा का जो बजट 73 हजार करोड़ था. उसको केंद्र की सरकार ने बढ़ाकर 98 करोड़ किया है. कोविड के कारण पीएम की सोच है कि हर व्यक्ति को खाना मिले रोजगार मिले इसके लिए मनरेगा का बजट बढ़ाया गया. उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल पूछते हैं जनता के टैक्स का पैसा कहां जाता है. मैं उनको साफ कह देता हूं कि ये सत्येंद्र जैन के घर नहीं जाता, मनीष सिसोदिया के घर नहीं जाता है. ये गरीबों को दो साल तक मुफ्त में राशन देने में लगता है. मुफ्त में टीके लगते हैं. पैसे गरीबों के कल्याण में लगाते हैं हम केजरीवाल जी. मोदी जी मनरेगा के लिए और पैसे देने को तैयार है. 25 फीसदी फंड कटौती का आरोप सरासर गलत है.
गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार शाम को ही अरविंद केजरीवाल ने एक संबोधन में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने गुरुवार को एक संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ जहां अपने अमीर उद्योगपतियों दोस्तों के कर्जे माफ कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ गरीब जनता के खाने-पीने के चीजों पर टैक्स बढ़ा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर केंद्र सरकार अमीर उद्योगपतियों और अपने दोस्तों के लाखों करोड़ों के कर्ज माफ नहीं करती तो आज गरीब लोगों से खाने-पीने की चीजों पर ज्यादा टैक्स नहीं लगाना पड़ता. केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ अपने दोस्तों और बड़े उद्योगपतियों के कर्जे ही माफ नहीं किए हैं बल्कि उन्हें टैक्स में भी छूट दी है. सरकार ने बीते कुछ समय में बड़े उद्योगपतियों के 5 लाख करोड़ रुपये के टैक्स भी माफ कर चुकी है.
केजरीवाल ने कहा कि मनरेगा के लिए केंद्र सरकार के पास पैसे नहीं हैं. उन्होंने सवाल किया कि सरकारी स्कूल में फीस लगने लगे तो गरीब का बच्चा कहां पढ़ेगा? सरकारी अस्पताल में मरीजों को पैसा लगने लगा तो गरीब अपना इलाज कहां कराएगा? केंद्र कह रही है फ्री का राशन भी बंद होगा. ये नहीं होना चाहिए. 2014 में केंद्र सरकार का बजट लगभग 20 लाख करोड़ का था जो आज लगभग अब 40 लाख करोड़ का है. ये पैसे जा रहा है. ये सरकारी पैसों से अपने बड़े उद्योगपतियों का कर्जा माफ कर रहे हैं.