वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने बुधवार को कहा कि ‘बालाकोट जैसे अभियानों' ने साफ कर दिया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो दुश्मन की सीमा से परे जाकर हवाई ताकत दिखाई जा सकती है. ‘भविष्य के संघर्षों में हवाई शक्ति' विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि जैसे-जैसे देश तेजी से अंतरिक्ष-आधारित संसाधनों पर निर्भर हो रहे हैं, अंतरिक्ष का सैन्यीकरण और शस्त्रीकरण अपरिहार्य वास्तविकता बन गया है.
वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘फिर भी, इस शांति के नीचे प्रतिस्पर्धा से भरा एक क्षेत्र है जहां हवाई श्रेष्ठता के लिए प्रतिस्पर्धा ने कई देशों की नियति को आकार दिया है और कई युद्धों के नतीजे तय किए हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम इन अज्ञात आसमानों में यात्रा कर रहे हैं, वायु शक्ति राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख घटक होने के नाते निस्संदेह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और राष्ट्रीय शक्ति के प्रतीक, शांति और सहयोग के लिए एक उपकरण के रूप में भी काम करेगी.''
उन्होंने कहा कि भविष्य के संघर्ष गतिज और गैर-गतिशील बलों के एक साथ अनुप्रयोग, उच्च स्तर की युद्ध स्थल पारदर्शिता, बहुआयामी परिचालन, उच्च स्तर की सटीकता, अधिक घातकता आदि के मिले-जुले रूप पर आधारित होंगे और निश्चित रूप से इन सभी पर गहन मीडिया निगरानी रहेगी.
वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘बालाकोट जैसे अभियानों से साफ हो जाता है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो हवाई शक्ति का उपयोग दुश्मन की सीमा से परे, बिना युद्ध और बिना शांति के परिदृश्य में, परमाणु खतरे की स्थिति में, पूरी तरह संघर्ष की स्थिति में बढ़े बिना किया जा सकता है.''
वायु सेना ने 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमला बोला था. पाकिस्तान की वायु सेना ने अगले दिन ही जवाबी कार्रवाई कर जम्मू कश्मीर में अनेक सैन्य प्रतिष्ठानों पर निशाना साधा था लेकिन वे असफल रहे थे.