लोग एकजुट हों तो जम्मू कश्मीर में विशेष दर्जे की बहाली भी से अधिक हासिल कर सकते है : महबूबा मुफ्ती

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पहचान और हमारा अस्तित्व दांव पर है. यह अनुच्छेद 370 और 35ए नहीं, यह जम्मू कश्मीर के मुद्दे के बारे में है. हमारे मुद्दे बदले जा रहे हैं. उन्हें लगता है कि लोग मूल मुद्दे को भूल जाएंगे और अनुच्छेद 370 के बारे में बात करेंगे.’’

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महबूबा मुफ्ती ने कहा, यदि जवाहरलाल नेहरू नहीं होते तो जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं बनता
श्रीनगर:

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा हैं कि यदि जम्मू कश्मीर के लोग उसी तरह एकजुट हो जाएं जैसे भारत अंग्रेजों के खिलाफ हुआ था, तो इसका विशेष दर्जा वापस पाना कोई बड़ा कार्य नहीं होगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले केंद्र ने तत्कालीन राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान 2019 में निरस्त कर दिये थे और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि पीडीपी का ध्यान कश्मीर मुद्दे के समाधान पर है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पहचान और हमारा अस्तित्व दांव पर है. यह अनुच्छेद 370 और 35ए नहीं, यह जम्मू कश्मीर के मुद्दे के बारे में है. हमारे मुद्दे बदले जा रहे हैं. उन्हें लगता है कि लोग मूल मुद्दे को भूल जाएंगे और अनुच्छेद 370 के बारे में बात करेंगे.''

महबूबा ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे को बार-बार नहीं उठाएंगे, इसकी (अनुच्छेद 370 की) बहाली एक वास्तविकता है और यह आज, कल या परसों होगी, लेकिन इसके साथ ही, पीडीपी कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी जिसके लिए कितने लोगों ने अपने जीवन की कुर्बानी दी है.''महबूबा यहां पीडीपी मुख्यालय में एक समारोह में बोल रही थीं, जिसमें जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के उपाध्यक्ष सैयद इकबाल ताहिर पार्टी में शामिल हुए.पीडीपी प्रमुख ने कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर के लोग एकजुट हों, तो हम पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे से ज्यादा हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जब लोग एकजुट होते हैं, जैसे पूरा भारत अंग्रेजों के खिलाफ हो गया था ... उसी तरह, यदि जम्मू कश्मीर के लोग एकजुट हो जाएं, तो अनुच्छेद 370 को वापस कराना कोई बड़ा काम नहीं होगा. वास्तव में, हम इससे अधिक प्राप्त कर सकते हैं.''

महबूबा ने कहा कि यदि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नहीं होते तो जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं बनता. उन्होंने कहा, ‘‘यदि यह स्थिति 1947 में होती, तो जम्मू कश्मीर इस भारत में कभी शामिल नहीं होता, जो वे बनाना चाहते हैं जहां वे धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र को समाप्त करना चाहते हैं … अगर जवाहरलाल नेहरू नहीं होते तो शायद हम इसका हिस्सा नहीं बनते. यदि नेहरू नहीं होते तो जम्मू कश्मीर इस देश का हिस्सा नहीं बना होता.''गांदरबल के उपायुक्त द्वारा बिजली के हीटर के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के हालिया आदेश पर, जिसे बाद में वापस कर दिया गया था, मुफ्ती ने कहा कि यह शर्मनाक है.उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य से बिजली का सबसे बड़ा हिस्सा एनएचपीसी पूल को जाता है, जिस पर देश और उसके उद्योग चलते हैं. उस बिजली के कारण ही भाजपा या अन्य पार्टियां दूसरे राज्यों में लोगों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा करती हैं.''ताहिर का पीडीपी में स्वागत करते हुए महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी को शिक्षित युवाओं की जरूरत है, खासकर ऐसे समय में जब जम्मू कश्मीर मुश्किल दौर से गुजर रहा है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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