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अगर इंदिरा और वाजपेयी चुनाव हारे तो गडकरी भी हार सकते हैं : कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे

ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में मतदाता भाजपा की ‘बांटो और राज करो’ की राजनीति से तंग आ चुके हैं.

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नागपुर:

नागपुर के पूर्व महापौर और लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी विकास ठाकरे अपने प्रतिद्वंद्वी केंद्रीय मंत्री, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के दिग्गज नेता नितिन गडकरी को चुनावी मात देने के लिए स्थानीय लोगों से जुड़ाव और पूर्व में दिग्गजों के चुनाव हारने की मिसाल का सहारा ले रहे हैं. ठाकरे (57) ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के मुख्यालय वाले क्षेत्र से एक पार्षद के रूप में की थी. आत्मविश्वास से लबरेज ठाकरे विपक्षी दलों द्वारा भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने से उत्साहित हैं और आरोप लगाते हैं कि उनके प्रतिद्वंद्वी गडकरी ने केवल खानापूर्ति की है और समाज के संपन्न वर्गों को लाभ पहुंचाने वाली विकास परियोजनाएं ही शुरू की हैं.

नागपुर (पश्चिम) सीट से मौजूदा विधायक ठाकरे ने यहां ‘पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह तो समय ही बताएगा कि मैंने शेर की मांद में हाथ डाला है या शेर हमला करेगा.''

ठाकरे ने देश के राजमार्ग बुनियादी ढांचे में बदलाव के लिए प्रशंसा हासिल कर रहे गडकरी को एक शक्तिशाली उम्मीदवार के रूप में चित्रित किए जाने को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं ने भी चुनावी हार का स्वाद चखा है.

तीसरी बार संसद पहुंचने की कोशिश कर रहे गडकरी से मिल रही चुनौती के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में मतदाता ही सर्वशक्तिमान होते हैं, कोई विशेष उम्मीदवार नहीं. वे तय करते हैं कि कौन सफल होगा है और कौन हार का सामना करेगा. ऐसे उदाहरण हैं जहां इंदिरा जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी जैसे दिग्गज नेता चुनाव हार गए.''

गडकरी महाराष्ट्र की शीतकालीन राजधानी नागपुर में मेट्रो रेल, फ्लाईओवर और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं लाने का दावा करते हैं. इस बारे में पूछे जाने पर ठाकरे शहर के कई हिस्सों में पानी और बिजली जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की कमी की ओर इशारा करते हैं.

शहर का विकास करने के गडकरी के दावे पर ठाकरे पलटवार करते हुए कहते हैं, ‘‘क्या आप अपने घर में बैठकर चमचमाती मेट्रो रेल को देखेंगे जब आपके नल में पानी नहीं आ रहा हो?''

उन्होंने कहा कि शहर के निम्न और मध्यम वर्ग के इलाकों में दिन में केवल एक घंटे पानी की आपूर्ति होती है और बिजली आपूर्ति बंद होने का खतरा भी एक वास्तविकता है.

ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में मतदाता भाजपा की ‘बांटो और राज करो' की राजनीति से तंग आ चुके हैं.

शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ बारामती से उनकी भाभी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने का संदर्भ देते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘अगर कोई सरकार अपनी खामियों के कारण गिरती है तो यह ठीक है. लेकिन शिवसेना को विभाजित करके बल प्रयोग करके सरकार को गिराना और फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन पैदा करना और परिवार के भीतर झगड़े शुरू करना कितना उचित है?''

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस देश के लोग बेवकूफ नहीं हैं. आप कह सकते हैं कि शरद पवार बूढ़े हो रहे हैं, लेकिन उन्होंने उनके ही घर में लड़ाई शुरू करवा दी. मुझे नहीं लगता कि मतदाताओं को यह दृष्टिकोण पसंद आएगा.''

गडकरी के पांच लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने के दावे पर ठाकरे ने कहा, ‘‘हर किसी को यह दावा करने का अधिकार है कि वे बड़े अंतर से जीतेंगे. केवल पांच लाख वोट ही क्यों, उन्हें 25 लाख के अंतर का दावा करने दीजिए. लेकिन, सच्चाई तो नतीजे आने के बाद ही सामने आएगी.'' कांग्रेस नेता ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं.

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