कृषि मंत्री ने नए कानूनों में संशोधन के लिए बिंदुवार चर्चा का किया आग्रह, किसान प्रतिनिधियों से कही यह बात..

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान करने का हरसंभव प्रयास कर रही है. यदि विकल्पों के आधार पर चर्चा होगी तो सरकार तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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कृषि कानूनों पर किसान प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश
नई दिल्‍ली:

Kisan Aandolan: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य-उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने शुक्रवार को दिल्‍ली के विज्ञान भवन में  में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से आठवें दौर की वार्ता की. उन्होंने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का स्‍वागत करते हुए कृषि सुधार के नए कानूनों में संशोधन के लिए बिन्दुवार चर्चा का आग्रह किया.कृषि मंत्री तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों (Farm Law) को देश के किसानों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. उन्‍होंने कहा कि सरकार को किसानों की पूरी चिंता है तथा चाहती है कि आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो, परन्तु सरकार के सुझाव के अनुसार विकल्पों पर अभी तक प्रावधानिक चर्चा न होने के कारण उचित निर्णय तथा समाधान नहीं हो पाया है.

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किसानों की ओर से आंदोलन को अब तक अनुशासित रखने के लिए कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की प्रशंसा की. तोमर ने कहा कि सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान करने का हरसंभव प्रयास कर रही है. यदि विकल्पों के आधार पर चर्चा होगी तो सरकार तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार द्वारा तीनों कृषि सुधार कानूनों पर बिन्दुवार चर्चा करने का अनुरोध किया गया, जिस पर किसान संगठनों ने असहमति जताई और कानून को निरस्‍त करने की मांग की. इस पर कृषि मंत्री ने फिर आग्रह किया कि संबंधित प्रावधान या बिन्दु, जिन पर किसान संगठन असहमत हों या उन्हें कोई आपत्ति हो, उन्‍हें सरकार के संज्ञान में लाया जा सकता है. ऐसे में इन प्रावधान/बिंदुओं पर विचार करके संशोधन किया जा सकता है. 

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बहरहाल, लंबी चर्चा के बावजूद आज कोई विकल्प नहीं निकल पाया. बाद में सरकार व किसान संगठनों ने 15 जनवरी, 2021 को दोपहर 12 बजे अगली बैठक में आगे की चर्चा करने पर अपनी सहमति प्रदान की. अगली बैठक के पूर्व कृषि सुधार कानूनों से संबंधित मुद्दों पर विकल्पों की दृष्टि से विचार-विमर्श किया जाएगा.

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