अगले साल मुंबई नगर निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस के एक नेता की अकेले जाने के बयान को लेकर महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार पैदा कर दी ही है. शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी दोनों ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. संजय राउत ने कहा कि महाविकास अघाड़ी में एक दोस्त, राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहना है कि वो अकेले चुनाव लड़ेंगे. वे सरकार का हिस्सा होंगे लेकिन अकेले चुनाव लड़ेंगे. आप चुनाव लड़ सकते हैं, फिर बाकी दो पार्टियां सोचेंगी कि भविष्य में वे साथ मिलकर क्या करेंगी?
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शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार में एक महत्वपूर्ण घटक दल है लेकिन वह तीसरे स्थान पर है. उसने कहा, ‘‘महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने घोषणा की कि उनकी पार्टी अगला विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी और कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री भी बता दिया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी ने अनुमति दी तो वह खुद मुख्यमंत्री पद का अगला चेहरा होंगे। पटोले 2024 में महाराष्ट्र में कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनाए बगैर दम नहीं लेंगे.''
शिवसेना ने कहा, ‘‘हालांकि उपमुख्यमंत्री (राकांपा नेता) अजित पवार ने कहा है कि जिसके पास 145 विधायकों का समर्थन होगा वह अगली सरकार बनाएगा और वही मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे. उनका बयान भी सही है। संसदीय लोकतंत्र बहुमत का आंकड़ा जुटाने पर निर्भर है। जो कामयाब होगा वह सत्ता में बैठेगा.''
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने कहा कि राजनीतिक आकांक्षाएं पालने में कुछ गलत नहीं है लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए संख्या बल की आवश्कता होती है. पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह सत्ता में लौटेंगे लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. भाजपा के 105 सीटें जीतने के बावजूद तीन अन्य दलों (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) ने गठबंधन सरकार बना ली.
उसने कहा कि पटोले ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए अकेले चुनाव लड़ने की बात कही है. पटोले के बयान के तुरंत बाद भाजपा नेता रावसाहब दानवे ने घोषणा की कि उनकी पार्टी भी अगला चुनाव अपने दम पर लड़ेगी और भाजपा-शिवसेना का गठबंधन असंभव है. शिवसेना ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में ऐसा कोई दल नहीं है जो भाजपा के साथ जाएगा और अत: यह सच है कि उसे अकेले चुनाव लड़ना होगा. उसने पूछा, ‘‘2024 के लोकसभा और विधानसभा अभी बहुत दूर हैं लेकिन प्रमुख राजनीतिक दल (भाजपा और कांग्रेस) अचानक अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. क्या मध्यावधि चुनाव कराने की कोई योजना है?'' उसने कहा कि 2019 में जो हुआ उसके बाद 2024 की बात करना अभी जल्दबाजी होगी.
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पार्टी ने कहा कि राज्य हर दिन नए संकट का सामना कर रहा है. राजनीति में कुछ दुष्ट शक्तियां इस पर नजर गड़ाए बैठी हैं कि राज्य राजनीतिक और वित्तीय रूप से कमजोर हो जाए.