भारतीय कला-संस्कृति पर IAS डॉ. मनीष रंजन ने लिखी पुस्तक, सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए उपयोगी

इससे पूर्व, डॉ मनीष रंजन द्वारा लिखित सीसैट, एवं एनसीईआरटी समरी पुस्तक सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के बीच काफी लोकप्रिय रही है.

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नई दिल्‍ली:

सिविल सेवा/राज्य सिविल सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए IAS डॉ. मनीष रंजन ने "भारतीय कला एवं संस्कृति" पर पुस्तक लिखी है. "भारतीय कला एवम संस्कृति" विषय पर रिसर्च ओरिएंटेड इस पुस्तक को तैयार करने में उन्‍हें 5 वर्ष से अधिक समय लगा. संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा 2002 बैच के  झारखंड कैडर के अधिकारी डॉ मनीष रंजन की यह पुस्तक काफी उपयोगी साबित हो रही है.

पुस्तक में भारतीय कला, भारतीय संस्कृति एवं भारतीय विरासत नामक तीन खंडों में विभाजित करते हुए प्रत्येक खंड की तार्किक दृष्टिकोण से विभिन्न अध्यायों में विवेचना की गई है. इसमें भारतीय कला संस्कृति एवं विरासत के विविध स्वरूपों तथा चित्रकला एवं हस्तशिल्प वास्तुशिल्प नाट्य नृत्य संगीत मूर्ति एवं स्थापत्य कला अभिलेख शिलालेख पर्व त्यौहार के बारे में विस्‍तार से जिक्र है. यूनेस्को द्वारा घोषित विरासत स्थल, भाषा, साहित्य शिक्षा,धर्म एवं दर्शन इत्यादि ऐसे ही अनेक विषयों को उनके उद्भव काल से लेकर अब तक के ऐतिहासिक विकास क्रम में नवीनतम शोधों से प्राप्त प्रमाणित एवं अद्यतन आंकड़ों के साथ-साथ नए स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है. पुस्तक की कीमत ₹650 है. प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली ने इसे प्रकाशित किया है. गौरतलब है कि इससे पूर्व, डॉ मनीष रंजन द्वारा लिखित सीसैट, एवं एनसीईआरटी समरी पुस्तक सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के बीच काफी लोकप्रिय रही है.

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