'आई लव मोहम्मद' Vs 'आई लव महादेव' पर महाभारत तेज, बरेली-कानपुर में फ्लैग मार्च, चप्पे-चप्पे पर नजर

'आई लव मुहम्मद' पोस्टरों पर विवाद के बीच बरेली में मौलाना तौकीर रजा ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है. इसे देखते हुए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं. कानपुर में भी हाई अलर्ट कर दिया गया है.

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  • देश के कई इलाकों में 'आई लव मुहम्मद' पोस्टरों को लेकर विवाद और झड़प होने की खबरें आ चुकी हैं.
  • यूपी के बरेली में मौलाना तौकीर रजा ने जुमे की नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में धरने की घोषणा की है.
  • बरेली के अलावा कानपुर में भी पुलिस ने हाई अलर्ट कर दिया है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
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देश के कई इलाकों में इन दिनों पोस्टर पर महाभारत हो रही है. कहीं 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर लग रहे हैं तो कहीं इसका जवाब 'आई लव महाकाल', 'आई लव महादेव', 'आई लव श्रीराम' से दिया जा रहा है. यूपी के कानपुर से उठा ये विवाद कई राज्यों में फैल चुका है. शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए यूपी में पुलिस अलर्ट पर है. बरेली में मौलाना तौकीर रजा ने जुमे की नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में धरने की घोषणा की है. बरेली के अलावा कानपुर में भी पुलिस ने हाई अलर्ट कर दिया है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. 

बरेली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मौलाना तौकीर रजा के आह्वान को देखते हुए बरेली में गुरुवार को डीएम, एसएसपी की अगुआई में पुलिस, पीएसी और अर्धसैनिक बलों ने 5 किलोमीटर लंबा फ्लैग मार्च निकालकर संदेश दिया कि शांति भंग करने के किसी भी प्रयास के बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बरेली जिले में धारा 163 लागू करके निषेधाज्ञा लगा दी गई है. शहर को सेक्टर और सब सेक्टरों में बांटकर दंगा नियंत्रण उपकरणों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात की योजना है. जगह-जगह बैरिकेड लगा दिए गए हैं. ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी गई है. मौलाना ने भी लोगों से कानून को हाथ में न लेने की अपील की है. 

बरेली में पुलिस ने गुरुवार को फ्लैग मार्च किया.

कानपुर में रेड अलर्ट, पुलिस तैनात

कानपुर में जुमे की नमाज और रामलीला कार्यक्रमों के मद्देनजर रेड अलर्ट घोषित किया गया है. शहर के संवेदनशील इलाकों में एक दिन पहले भारी पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च किया गया. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में गुरुवार से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं. कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए आम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

कानपुर में भी जुमे की नमाज से पहले पुलिस ने फ्लैग मार्च किया.

बैनर का विवाद बवाल में बदला

आई लव मोहम्मद पोस्टरों को लेकर देशभर में जो बवाल हो रहा है, उसकी शुरुआत कानपुर से हुई थी. 4 सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान कुछ लोगों तय जगह से अलग एक टेंट और आई लव मोहम्मद का बैनर लगा दिया. एक पक्ष ने नई परंपरा बताकर इसका विरोध किया तो दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. पोस्टर-बैनर फाड़े गए. 10 सितंबर को 25 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई. हालांकि पुलिस का कहना है कि FIR दूसरे मामले में की गई है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने FIR वापस लेने की मांग करते हुए 19 सितंबर को जुलूस निकाला. 

देश में कई जगह आई लव मोहम्मद के पोस्टर लेकर प्रदर्शन हुए हैं.

झड़पों के बाद आई लव महादेव से जवाब

इसके बाद यूपी, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों में कई जगहों पर हिंसक झड़पें और तनातनी की घटनाएं हुईं. देखते ही देखते ये बवाल आई लव मुहम्मद Vs आई लव महादेव में तब्दील हो गया. ये पोस्टर सड़कों के साथ गरबा पंडाल में दिखने लगे. झांसी में डांडिया नाईट में स्टेज के डिस्प्ले में आई लव महादेव का पोस्टर दिखा. मुंबई में आई लव मुहम्मद के जवाब में सड़कों पर आई लव श्रीराम और आई लव महादेव के पोस्टर लगा दिए गए. कुछ ऐसी ही तस्वीरें यूपी के वाराणसी में देखने को मिलीं, जहां संतों ने लव महादेव के पोस्टर लेकर विरोध किया. देश के कई हिस्सों में पोस्टरों के जरिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. 

वाराणसी में आई लव महादेव के पोस्टरों से जवाब दिया गया.

राजनीति भी गरमाई, साजिश के भी आरोप

इस पर राजनीति भी गरमा गई है. यूपी के मंत्री अनिल राजभर ने संतों के विरोध को क्रिया की प्रतिक्रिया बताते हुए कहा कि जो शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस विवाद के पीछे साजिश का इशारा करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. 

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मुस्लिम संगठन बोला, अभियान सांप्रदायिक नहीं

जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक हथकंडे और सांप्रदायिक पुलिसिंग ने सौहार्दपूर्ण समाज में बेवजह तनाव पैदा कर दिया है. आई लव मोहम्मद के नारों को अपराध घोषित करना असंवैधानिक, राजनीति से प्रेरित और भारत के बहुलवाद का अपमान है. शांतिपूर्ण धार्मिक अभिव्यक्ति लोगों का मौलिक अधिकार है.