केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि देश को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिये एक से अधिक ईंधन पर चलने वाली गाड़ियों (फ्लेक्स फ्यूल) और ई-वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है. ‘फ्लेक्स फ्यूल' के लिए उपयुक्त वाहनों में एक से अधिक ईंधन या दो ईंधन के मिश्रण को उपयोग किया जा सकता है. आमतौर पर ऐसे वाहनों में ईंधन के रूप में पेट्रोल और एथनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का उपयोग किया जाता है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने वाहन कंपनियों के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि ईंधन की ऊंची लागत से विमानन क्षेत्र भी समस्याओं का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हर साल कच्चे तेल के दाम में काफी उतार-चढ़ाव आता है. इससे समस्याएं पैदा होती हैं. हमें इससे निपटने के लिये पूरी तरह से विभिन्न ईंधनों पर चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है.''
गडकरी ने कहा कि देश में 40 प्रतिशत प्रदूषण का कारण पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम कई उद्योगों को एथनॉल उत्पादन के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं.'' गडकरी ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, मैं आप सभी के लिये महत्वपूर्ण व्यक्ति हूं. उन्होंने यह भी कहा कि उनके मंत्रालय ने जो सड़कें विकसित की हैं, उससे सबसे ज्यादा उद्योग को ही लाभ होगा.'' उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय 27 नये एक्सप्रेसवे बना रहा है और उन्हें ‘रोपवे' और ‘फ्यूनीक्यूलर रेलवे' (केबल रेल) प्रणाली की 260 परियोजनाएं मिली हैं.
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