हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी चुनाव: एबीवीपी की सात साल बाद धमाकेदार वापसी, सभी छह पदों पर मिली जीत

हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने सात साल बाद शानदार वापसी करते हुए सभी छह पद जीत लिए. वामपंथी और बहुजन छात्र मोर्चा को करारी हार मिली, जबकि संगठन ने इसे छात्र शक्ति की सकारात्मक सोच की जीत बताया.

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  • HCU के छात्रसंघ चुनाव में सात साल बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सभी छह पदों पर जीत हासिल की
  • इस चुनाव में करीब एक 80 प्रतिशत मतदान हुआ और वामपंथी संगठनों तथा बहुजन छात्र मोर्चा को हार का सामना करना पड़ा
  • एबीवीपी के शिवा पालेपु अध्यक्ष, देबेंद्र उपाध्यक्ष, श्रुति प्रिय महासचिव, सौरभ शुक्ला संयुक्त सचिव चुने गए हैं
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हैदराबाद:

हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (एचसीयू) के छात्रसंघ चुनाव में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला. सात साल बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जोरदार वापसी करते हुए सभी छह पदों पर जीत दर्ज की. करीब 81 प्रतिशत मतदान वाले इस चुनाव में वामपंथी संगठनों और बहुजन छात्र मोर्चा को करारी हार का सामना करना पड़ा.

सभी पद एबीवीपी के खाते में

घोषित नतीजों के मुताबिक छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर शिवा पालेपु , उपाध्यक्ष पद पर देबेंद्र, महासचिव पद पर श्रुति प्रिय जबकि संयुक्त सचिव पद पर सौरभ शुक्ला. वीनस सांस्कृतिक सचिव और जवाला खेल सचिव चुने गए हैं.

लंबे समय के बाद एबीवीपी की हुई वापसी

विश्लेषकों का मानना है कि यह नतीजा विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में नए रुझान का संकेत है. लंबे समय तक वामपंथी और एनएसयूआई जैसी ताकतों का दबदबा रहने के बाद छात्रों ने इस बार “राष्ट्रवादी विकल्प” पर भरोसा जताया. एबीवीपी ने कैंपस में छात्रों से जुड़े मुद्दों, शिक्षा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों पर के नाम पर वापसी की है.

जीत के बाद एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा, “यह नतीजा छात्र शक्ति की सकारात्मक सोच और झूठे नैरेटिव को नकारने की क्षमता का सबूत है. छात्रों ने दिखा दिया है कि वे विकास और रचनात्मक माहौल चाहते हैं.”

एबीवीपी ने कहा है कि वह आने वाले समय में शिक्षा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों को नई दिशा देने के लिए काम करेगी. संगठन ने दावा किया कि यह जीत सिर्फ पदों की नहीं बल्कि विचारों की जीत है, जो विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में एक नया अध्याय खोलेगी.

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