"कैसे हैं लालू जी?": जातीय जनगणना पर बैठक में तेजस्वी यादव से पीएम मोदी ने पूछा

सूत्रों का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल हैरान था क्योंकि पीएम मोदी ने बैठक के एजेंडे पर आने से पहले तेजस्वी यादव से उनके पिता के बारे में कई सवाल पूछे

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पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

जाति आधारित जनगणना (Caste Census) की मांग को लेकर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के साथ बिहार (Bihar) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आरजेडी नेता लालू यादव (Lalu Yadav) के स्वास्थ्य के बारे में पूछा. सूत्रों का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल हैरान था क्योंकि पीएम मोदी ने बैठक के एजेंडे और नीतीश कुमार के प्रजेंटेशन से पहले तेजस्वी यादव से उनके पिता के बारे में कई सवाल पूछे. आरजेडी प्रमुख 73 वर्षीय लालू यादव सांस की समस्या के कारण अस्पताल में एडमिट होते रहे हैं. उन्हें किडनी और हृदय संबंधी समस्याओं सहित अन्य बीमारियां हैं.

राष्ट्रीय जनता पार्टी (RJD) प्रमुख को जनवरी में दिल्ली के एम्स अस्पताल में तब भर्ती कराया गया था, जब वे भ्रष्टाचार के मामले में जेल में सजा काट रहे थे. उन्हें अप्रैल में जमानत पर रिहा किया गया था. उन्होंने अपनी अधिकांश सजा झारखंड के रांची की जेल अस्पताल में बिताई.

पीएम मोदी ने कथित तौर पर तेजस्वी यादव से पूछा, "लालू जी कैसे हैं." तेजस्वी ने उन्हें आरजेडी प्रमुख की स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बताया. प्रधानमंत्री ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.

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पीएम मोदी ने कथित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को उनके मास्क को लेकर चिढ़ाया और टिप्पणी की- "आप मास्क में हैं तो हम आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा कैसे देख सकते हैं?" नीतीश कुमार ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि, "यह आप ही हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से नकाबपोश होने का निर्देश जारी किया था ..."

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प्रतिनिधिमंडल ने बाद में पीएम मोदी से बिहार और देश भर में जाति-आधारित जनगणना की उनकी मांग पर "उचित निर्णय" लेने का अनुरोध किया. 

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बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा, "इस मुद्दे पर बिहार और पूरे देश के लोगों की राय एक जैसी है. हमारी बात सुनने के लिए हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं. हम उनसे उचित निर्णय लेने का आग्रह करते हैं."

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तेजस्वी यादव ने कहा कि "हमारे प्रतिनिधिमंडल ने आज न केवल राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जातियों की जनगणना के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात की. अगर जानवरों और पेड़ों की गणना की जा सकती है, तो लोगों की भी कर सकते हैं ... जाति जनगणना एक ऐतिहासिक, गरीब समर्थक उपाय होगा.“ 

तेजस्वी यादव ने यह भी बताया कि 'धर्म' और 'एससी/एसटी' पहले से ही जनगणना प्रपत्रों में सूचीबद्ध थे, जाति के लिए केवल एक अतिरिक्त कॉलम डालने की आवश्यकता थी.

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