- अठारहवीं लोकसभा के छठे सत्र में कुल पंद्रह बैठकें हुईं, जिनकी अवधि लगभग बयासी घंटे पच्चीस मिनट रही
- इस सत्र के दौरान दस सरकारी विधेयक पेश किए गए, जिनमें से आठ विधेयक पारित किए गए
- सदन ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर ग्यारह घंटे बत्तीस मिनट चर्चा की
अठारहवीं लोकसभा का छठा सत्र 1 दिसंबर, 2025 को शुरू हुआ था और आज समाप्त हो गया. छठे सत्र के समापन के अवसर पर विदाई भाषण देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 15 बैठकें हुईं. सत्र की कुल बैठक अवधि 92 घंटे और 25 मिनट थी. सत्र के दौरान सदन की कार्य-उत्पादकता 111 प्रतिशत रही. सत्र के दौरान 10 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 8 विधेयक पारित किए गए.
पारित किए गए विधेयक:
- मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025
- स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025
- विनियोग (संख्यांक 4) विधेयक, 2025
- निरसन और संशोधन विधेयक, 2025
- सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा विधि का संशोधन) विधेयक, 2025
- भारत के रूपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्धन विधेयक, 2025
8 दिसंबर 2025 को प्रधान मंत्री ने राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम" के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चर्चा की शुरुआत की. सदन ने इस विषय पर 11 घंटे 32 मिनट तक चर्चा की, जिसमें 65 सदस्यों ने भाग लिया. इसी प्रकार, 9 और 10 दिसंबर को "चुनावी सुधार" के मुद्दे पर लगभग 13 घंटे तक चर्चा हुई, जिसमें 63 सदस्यों ने भाग लिया.
सत्र के दौरान 300 तारांकित प्रश्न स्वीकृत किए गए और 72 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. सत्र के दौरान कुल 3449 अतारांकित प्रश्न स्वीकृत किए गए. शून्य काल के दौरान सदस्यों द्वारा कुल 408 अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठाए गए और नियम 377 के तहत कुल 372 मामलों पर विचार किया गया. 11 दिसंबर 2025 को सदन में शून्य काल के दौरान 150 सदस्यों ने अपने मामले उठाए.
सत्र के दौरान, निदेश 73क के तहत 35 वक्तव्य और नियम 372 के तहत दो वक्तव्य दिए गए और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा एक वक्तव्य दिया गया. इस प्रकार, सत्र में कुल 38 वक्तव्य दिए गए. सत्र के दौरान सदन के पटल पर कुल 2,116 पत्र रखे गए. विभिन्न विभागों से संबद्ध संसदीय स्थायी समितियों के कुल 41 प्रतिवेदन सदन में प्रस्तुत किए गए.
गैर-सरकारी सदस्यों के विधेयकों की बात करें तो, इस सत्र के दौरान, 5 दिसंबर 2025 को विभिन्न विषयों पर ग़ैर-सरकारी सदस्यों के 137 विधेयक पेश किए गए. 12 दिसंबर 2025 को, शफी परम्बिल द्वारा पेश किया गया ग़ैर सरकारी सदस्य का संकल्प सदन की अनुमति से चर्चा के बाद वापस ले लिया गया. जॉर्जिया की संसद के चेयरमैन महामहिम शाल्वा पापुआश्विली और उनके संसदीय शिष्टमंडल की आधिकारिक यात्रा के दौरान 2 दिसंबर 2025 को भारत की संसद द्वारा उनका हार्दिक स्वागत किया गया.














