आने वाले कुछ समय में अब आपके बच्चे बगैर आपकी अनुमित के सोशल मीडिया का ना तो गलत इस्तेमाल कर पाएंगे और ना ही उसके पीछे जरूरत से ज्यादा समय खराब बाएंगे. दरअसल, केंद्र सरकार ने ऐसे नियम लाने की तैयारी में है जिसके लागू होने के बाद बच्चों को सोशल मीडिया पर एकाउंट बनाने से पहले अपने माता-पिता से इजाजत लेनी होगी. इतना ही नहीं यूजर्स के पास डेटा को लेकर दिए अपने कंसेंट (मंजूरी) को भी वापस लेने की छूट होगी. केंद्र सरकार इन नियमों को लागू करने के लिए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) ऐक्ट के ड्रॉफ्ट को जारी कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस ड्रॉफ्ट के तहत जिन नियमों का जिक्र किया गया है उन्हें अंतिम निमय बनाने के लिए 18 फरवरी के बाद विचार किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट लिखकर DPDP नियमों के ड्रॉफ्ट को लेकर लोगों से सलाह भी मांगी है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर DPDP के ड्रॉफ्ट में क्या कुछ है...
डेटा ट्रांसफर करने से पहले लेनी होगी मंजूरी
इस ड्रॉफ्ट के मुताबिक किसी भी कंपनी को अब अगर भारत के यूजर्स से जुड़े किसी डेटा को देश से बाहर ले जाने के लिए सरकार से पहले मंजूरी लेनी होगी. इन नए नियमों के लागू होने के बाद अब अगर कोई बच्चा अपना कोई सोशल मीडिया अकाउंट बनाना चाहेगा तो उसे पहले अपने माता-पिता से इसके लिए इजाजत लेनी होगी. बताया जा रहा है कि इस नियम को सही से लागू करने के लिए एक डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है. जो एक डिजिटल ऑफिस की तरह ही काम करेगा. इस बोर्ड के पास डाटा में होने वाली सेंध और चोरी की जांच करने की पावर होगी. कहा जा रहा है कि इस नियम के लागू होते ही कंसेंट मैनेजर्स को डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड के साथ रजिस्टर होने होगा .
डाटा को लेकर हो रही गड़बड़ी का साफ पता चल जाएगा
कहा जा रहा है कि सरकार द्वारा इन नए नियमों को लागू करते ही डाटा के साथ की जा रही है गड़बड़ी का भी पता चल जाएगा. इसके लागू होते ही किसी को मिलने वाले नोटिस, कंसेंट मैनेजर के रिजस्ट्रेशन, बच्चों के पर्सनल डाटा की प्रोसेसिंग आदि पर भी स्थिति साफ हो जाएगी.
DPDP अधिनियम के इस मौसेदे में आखिर क्या-क्या?
इस ड्रॉफ्ट के तहत कहा गया है कि DPDP अधिनियम 2023 की धारा 40 की उप-धाराओं एक और दो की तरफ से दी गई पावर का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से अधिनियम के लागू होने की तारीख को या उसके बाद बनाए जाने वाले प्रस्तावित नियमों का मसौदा, इससे प्रभावित होने वाले सभी यूजर्स की जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है.
क्या कुछ बदल जाएगा
कहा जा रहा है कि इस ड्रॉफ्ट में इस बात का जिक्र है कि डेटा के लिए जिम्मेदार को यह जांचने के लिए मेहनत करना होगा कि बच्चे के माता-पिता के रूप में खुद को पहचानने वाला शख्स वयस्क है और भारत में लागू किसी भी कानून के अनुपालन के संबंध में आवश्यक होने पर पहचान योग्य है. इस ड्रॉफ्ट निमयों के अनुसार डेटा के लिए जिम्मेदारों को इसे केवल उस समय तक रहना होगा जिसके लिए सहमति प्रदान की गई है और उसके बाद इसे हटा देना होगा. कहा जा रहा है कि इस नियम के लागू होने से ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया औऱ गेमिंग प्लेटफॉर्म डेटा के लिए जिम्मेदारों की श्रेणी में आएंगे.