उत्तराखंड का बाघ कैसे पहुंचा जम्मू? फोटो से होगा कन्फर्म; जानें इस पहेली की पूरी कहानी

उत्तराखंड वन विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रंजन कुमार मिश्रा का कहना है कि हम इस मामले में हम बिल्कुल जांच कर रहे हैं. जम्मू कश्मीर के वन विभाग से इस संबंध में जानकारी ली जा रही है,

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नई दिल्ली:

हाल ही में ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि जम्मू में उत्तराखंड का एक बाघ देखा गया. यह बाघ राजाजी नेशनल पार्क का बताया जा रहा है. यह बाघ जम्मू के राजौरी क्षेत्र में देखा गया है. इस खबर को लेकर असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है, हालांकि राजाजी नेशनल पार्क के डायरेक्टर की इस पर प्रतिक्रिया भी आई है. डायरेक्टर कोको रोशो का कहना है कि राजौरी में खींची गई यह फोटो संदिग्ध है. यह खबर सही नहीं है.

इससे पहले भी 7 महीने उत्तराखंड से एक टाइगर हिमाचल तक जा पहुंचा था. अब सवाल ये है कि जिस बाघ को राजौरी में देखा गया था, क्या वो उत्तराखंड का ही है या फिर जम्मू का है. फिलहाल, वन विभाग जम्मू-कश्मीर के वन विभाग से इसकी जानकारी ले रही है.

उत्तराखंड वन विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रंजन कुमार मिश्रा का कहना है कि हम इस मामले में हम बिल्कुल जांच कर रहे हैं. जम्मू कश्मीर के वन विभाग से इस संबंध में जानकारी ली जा रही है, जानकारी मिलने के बाद ही हम पूरे नतीजे तक पहुंच पाएंगे.

उन्होंने कहा कि हमारे पास डीटेल्ड जानकारी है कि हिमाचल के पांवटा साहिब में हमारा एक टाइगर गया थाऔर देखना हुआ कि वह माइग्रेट कहां हुआ है. उन्होंने कहा कि फोटो के आधार पर हम तय कर पाएंगे कि ये बाघ हमारा है या दूसरे राज्य का है.

वन विभाग के अधिकारी यह भी मान रहे हैं कि जीवन और भोजन की तलाश में जानवर दूर-दूर तक सफर करते हैं. ऐसे में यह काफी हद तक संभव हो सकता है कि हमारे राज्य का बाघ दूसरे राज्य में जा सकता है.

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