पूर्वाभास, विश्वासघात और दुर्भाग्य: हिमाचल राज्यसभा सीट कांग्रेस के हाथों से कैसे निकली?

राज्यसभा चुनाव (Himachal Rajyasabha Election) में चौंकाने वाली हार के बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव ने "मुझे एक सबक सिखाया है कि लोग रातोंरात अपने सिद्धांतों और विचारधाराओं को कैसे बदल सकते हैं."

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हिमाचल में कैसे मिली कांग्रेस को मात.

शिमला:

राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव से हिमाचल प्रदेश (Himachal Rajya Sabha Election) में सत्ता का समीकरण बिगड़ गया है. कांग्रेस के पास 68 सदस्यीय विधानसभा में  बहुमत का आंकड़ा 40 था, लेकिन फिर भी कांग्रेस अपनी सरकार बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. पार्टी ने डैमेज कंट्रोल के लिए वरिष्ठ नेताओं भूपेन्द्र हुड्डा और डीके शिवकुमार को पर्यवेक्षक नियुक्त कर शिमला भेजा है. इस बीच स्थिति को भांप कर बीजेपी पहले ही राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मिल चुकी है. बीजेपी सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. बीजेपी ने चौंकाते हुए राजनीतिक पासा पलट दिया है. 

कैसे बदलना नंबर गेम?

68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 40, बीजेपी के 25 और 3 निर्दलीय विधायक हैं. कांग्रेस अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाया था. संख्या बल में पिछड़ने के बावजूद बीजेपी ने कभी कांग्रेस के नेता रहे हर्ष महाजन को मैदान में उतारकर मुकाबला सख्त कर दिया. 

सुक्खू का पूर्वाभास

 मुख्यमंत्री सुक्खू ने वोटिंग से पहले कहा कि कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं और 'अगर कोई नहीं बिका तो' सारे वोट उन्हें मिलेंगे. कांग्रेस ने आशंका जताई कि बीजेपी कुछ तो योजना बना रही है. वहीं प्रदेश मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि, "बीजेपी के पास केवल 25 विधायक हैं, संख्या के बिना भी बीजेपी अपना उम्मीदवार खड़ा कर रही है. इसका मतलब है कि वे खरीद-फरोख्त की योजना बना रहे हैं." कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग को रोकने के लिए अपने विधायकों के लिए व्हिप भी जारी किया, जिसे बीजेपी ने "अनैतिक" बताया.

राज्यसभा चुनाव का चौंकाने वाला परिणाम

वोटों की गिनती के दौरान पता चला कि अभिषेक मनु सिंघवी और हर्ष महाजन दोनों को 34-34 वोट मिले हैं. जिसका मतलब है कि छह कांग्रेस विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया.  इसके बाद ड्रॉ कराया गया, जिसमें बीजेपी के  हर्ष महाजन राज्यसभा सीट जीतने में कामयाब हो गए. 

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रिएक्शन

अभिषेक मनु सिंघवी ने चौंकाने वाली हार के बाद कहा कि चुनाव ने "मुझे एक सबक सिखाया है कि लोग रातोंरात अपने सिद्धांतों और विचारधाराओं को कैसे बदल सकते हैं." उन्होंने कहा, "जिन नौ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, उन्होंने सोमवार रात हमारे साथ खाना खाया. उनमें से तीन ने सुबह हमारे साथ नाश्ता भी किया, लेकिन उन्होंने मेरे खिलाफ वोट दिया." कांग्रेस नेता ने कहा, "आम तौर पर, ड्रा में जो नाम निकाला जाता है वह जीतने वाले का होता है, लेकिन चुनाव आयोग के अजीब नियम के तहत, जिसके बारे में मुझे मंगलवार को ही पता चला, कि हारने वाले उम्मीदवार का नाम निकाला गया."

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चुनाव जीतने वाले हर्ष महाजन ने कहा कि ये जीत बीजेपी की है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "विधायक मौखिक रूप से सरकार से नाखुश थे, इसीलिए क्रॉस वोटिंग की गई."

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राज्यसभा चुनाव के बाद

महज 24 घंटे के भीतर ही राज्यसभा सीट की लड़ाई सुक्खू सरकार के लिए अस्तित्व की लड़ाई बन गई है. बीजेपी का दावा है कि राज्य सरकार के पास सदन में विश्वास मत नहीं है. सीएम सुक्खू ने कल रात कहा, छह बागी विधायकों को हरियाणा पुलिस ले गई. विधायकों को कथित तौर पर पंचकूला के एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है और उन्होंने हिमाचल बीजेपी प्रमुख राजीव बिंदल से मुलाकात की है.

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वहीं विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा, ''हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाक्रम हुआ, उसे राजनीतिक दृष्टि से देखने पर यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.''

उन्होंने कहा, "हमने राज्यपाल को हाल ही में विधानसभा में जो कुछ हुआ उसके बारे में अवगत कराया है. हमने उन्हें विपक्षी विधायकों के प्रति अध्यक्ष के व्यवहार के बारे में सूचित किया है."

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के कितने विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, उन्होंने कहा, "यह मैं अभी आपको नहीं बता सकता. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि कांग्रेस जनादेश खो चुकी है."