दिल्ली HC का अहम कदम, अस्पतालों को देना होगा भर्ती और डिस्चार्ज होने वाले कोविड मरीजों का आंकड़ा

अदालत ने कहा कि दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी और एमिकस क्यूरी राजशेखर राव इस ब्योरे पर गौर करेंगे और हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेंगे.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus) की लहर के बीच दिल्ली के अस्पतालों में बेड की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने अहम कदम उठाया है. हाईकोर्ट ने कहा कि लगता है कि अस्पतालों और नर्सिंग होम में बेड की चोकिंग हो रही है. लिहाजा केंद्र सरकार के अस्पताल, दिल्ली सरकार के अस्पताल, सभी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम एक अप्रैल से रोजाना भर्ती कोविड मरीजों का डेटा देंगे. साथ ही इस दौरान रोजाना डिस्चार्ज हुए मरीजों की जानकारी भी देंगे. उन मरीजों का ब्योरा भी देंगे जो दस दिन से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहे हैं. उनको दिए बेड का ब्योरा देंगे. चार मई तक ये रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. 

अदालत ने कहा कि दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी और एमिकस क्यूरी राजशेखर राव इस ब्योरे पर गौर करेंगे और हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि आकंडे देखने के बाद लगता है कि रोजाना मरीजों के ठीक होने के बाद बेड खाली होने चाहिए, जो होते नहीं दिख रहा है. इसी तरह ऑक्सीजन बेड वाले मरीजों को भी सामान्य तरीके से 8-10 दिन में बेड की जरूरत नहीं होती है. मरीजों को दस दिन से दो हफ्ते तक ही दवा दी जाती है. अस्पतालों और नर्सिंग होम में बेड की चोकिंग हो रही है. 

25 अप्रैल को DGHS ने अस्पताल से छुट्टी के लिए नई पॉलिसी जारी की थी. दिल्ली सरकार ने बताया कि गंभीर मरीजों को पहले ऑक्सीजन बेड दिया जाता है. अति गंभीर लोगों को आईसीयू में ऑक्सीजन बेड दिया जाता है और हालत ठीक होने पर ऑक्सीजन के बिना बेड दिया जाता है. ये साफ नहीं है कि ये सब हो रहा है या नहीं. 

Advertisement

READ ALSO: "ऐसा लगता है कि आप चाहते हैं कि लोग मरते रहें" : रेमडेसिविर को लेकर केंद्र के प्रोटोकॉल पर दिल्ली हाईकोर्ट

Advertisement

आरएमएल अस्पताल में मरीज सात दिनों से ज्यादा रुके रहे. इस तरह कुछ आरोप ये भी हैं कि ठीक होने के बाद भी मरीजों को डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है. 6 मई को सुनवाई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने बताया कि कुल 2093 कोविड बेड हैं. ये बेड केंद्र के अस्पतालों, दिल्ली के अस्पतालों, निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में हैं. इनमें सामान्य बेड, आईसीयू और वेंटिलेटल आदि शामिल हैं.

Advertisement

वीडियो: हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा- डिमांड से कम हो रही है ऑक्सीजन की सप्लाई

Featured Video Of The Day
Mahakumbh 2025: सुरक्षा, ड्रोन, स्पेशल ट्रेन....जानें क्या हैं सरकार की खास तैयारियां
Topics mentioned in this article