अस्पतालों का दिल्ली सरकार पर प्रहार, मरीज के मरने के बाद भी कब तक इंतजार करें..?

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल बयान दिया था कि अस्पताल अनावश्यक एसओएस कॉल कर रहे हैं

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नई दिल्ली:

Delhi Copronavirus: दिल्ली के अस्पतालों (Hospitals) ने ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी को लेकर हाईकोर्ट (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने कल के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के ट्वीट पर कड़ी आपत्ति जताई है. सिसोदिया ने अस्पतालों से कहा है कि वे तब भी "अनावश्यक अलार्म" न बजाएं जब उनके पास ऑक्सीजन स्टॉक है. कल उप मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि अस्पताल अनावश्यक एसओएस कॉल कर रहे हैं. अस्पतालों ने जयपुर गोल्डन अस्पताल के मामले पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि क्या अस्पतालों को ऑक्सीजन के बिना इंतजार करना चाहिए? एक मरीज की मौत के कितने समय बाद अस्पतालों को एसओएस जारी करना चाहिए?" 

दिल्ली में स्थित एक निजी अस्पताल में पिछले सप्ताहांत में 25 रोगियों की मौत हो गई. अधिकारियों ने इन मौतों के लिए ऑक्सीजन की कमी को जिम्मेदार ठहराया था.

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में उन दो उदाहरणों का उल्लेख किया था जिनमें अस्पतालों में ऑक्सीजन का स्टॉक होने के बावजूद इसकी कमी बताई जा रही थी. अस्पतालों का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि एक मामले में अस्पताल में 72 घंटे ऑक्सीजन की आपूर्ति बाकी थी. एक अन्य अस्पताल ने अपने ऑक्सीजन स्टॉक के एक तिहाई भाग का उपयोग करने के बाद सरकार से संपर्क किया था.

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सिसोदिया ने ट्वीट किया कि "आज सुबह मेरे पास एक ऐसे अस्पताल का ऑक्सीजन SOS call आया जिसके पास अभी 18KL उपलब्ध है जबकि उसका एक दिन का खर्च 4.8KL है. उसकी स्टोरेज क्षमता भी 21KL ही है. यानी उसके पास क़रीब 72 घंटे का ऑक्सीजन उपलब्ध है.''

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उप मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस तरह की स्थिति से स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ सकता है. इससे रोगियों के रिश्तेदारों में चिंता बढ़ सकती है. सिसोदिया ने एक ट्वीट में कहा कि "मेरा अस्पतालों से अनुरोध है कि ऑक्सीजन की कमी को लेकर अनावश्यक अलार्म न बजाएं. ऐसा करने से जरूरतमंद अस्पतालों तक मदद पहुंचने में समस्या आ रही है.''

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अस्पतालों पर काम के अतिरिक्त दबाव की ओर इशारा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह केंद्र की जिम्मेदारी थी कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन हो. अदालत ने कहा, "मरीजों की देखभाल करने के बजाय, अस्पताल ऑक्सीजन के लिए हमारे पास आ रहे हैं." कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी पर तीन अस्पतालों से याचिकाएं आई हैं.

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अस्पतालों ने दिल्ली सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि राज्य के कारण आपूर्ति में अनिश्चितता है. अस्पतालों ने आज अदालत से कहा कि "यहां दो मुद्दे हैं, कमी और अनिश्चितता. अनिश्चितता केवल दिल्ली सरकार की वजह से है."

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