'नॉर्थ-ईस्ट और कश्मीर शांत, अब नक्सलवाद की बारी', अमित शाह का बड़ा ऐलान

अमित शाह ने कहा कि, "मैंने बयान दिया था कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा, लेकिन सवाल ये है कि इस देश में नक्सलवादी समस्या क्यों पनपी, क्यों बढ़ी, क्यों विकसित हुई?"

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  • गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त कर दिया जाएगा
  • 'नक्सलवाद के बढ़ने के पीछे वैचारिक, लीगल और वित्तीय समर्थन करने वाले समाज के कुछ वर्ग जिम्मेदार हैं'
  • 'मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर विकास और शांति के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं'
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नई दिल्ली में आयोजित 'नक्सल मुक्त भारत' अभियान के समापन समारोह को संबोधित करते हुए देश से हथियारी नक्सलवाद को समाप्त करने का बड़ा संकल्प दोहराया. उन्होंने साफ शब्दों में घोषणा की कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार 31 मार्च 2026 तक देश से लाल आतंक को जड़ से खत्म कर देगी.

'नक्सलवादी समस्या क्यों पनपी'

अमित शाह ने कहा कि, "मैंने बयान दिया था कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा, लेकिन सवाल ये है कि इस देश में नक्सलवादी समस्या क्यों पनपी, क्यों बढ़ी, क्यों विकसित हुई, इसका वैचारिक पोषण किसने किया? और जब तक भारत का समाज इस सिद्धांत का, नक्सलवाद के विचार का वैचारिक पोषण, लीगल समर्थन और वित्तीय पोषण करने वाले समाज में बैठे हुए लोगों को समझ नहीं लेता है और उन लोगों को हम वापस नहीं लाते हैं तब तक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई समाप्त नहीं होगी. हमें इस विचार के आगे बहुत कुछ करने की जरूरत होगी."

"जब नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने तो देश तीन मुख्य आंतरिक सुरक्षा हॉटस्पॉट से जूझ रहा था- जम्मू-कश्मीर क्षेत्र, नॉर्थ-ईस्ट और वामपंथी उग्रवाद वाला इलाका. ये इलाके लगभग चार-पांच दशकों से अशांति का कारण बने हुए थे, जिनमें हजारों लोगों की जान गई और शांति व स्थिरता भंग हुई. इसके अलावा, भारत के बजट का एक बड़ा हिस्सा, जो गरीबों की भलाई पर खर्च किया जा सकता था, इन इलाकों में पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में लगा दिया गया."

'आंतरिक सुरक्षा बीजेपी की विचारधारा का एक प्रमुख अंग'

उन्होंने कहा कि, "आंतरिक सुरक्षा और देश की सीमाओं की सुरक्षा... भारतीय जनसंघ बना तब से और भारतीय जनता पार्टी तक हमारी विचारधारा का एक प्रमुख अंग है. एक प्रकार से भारतीय जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक हमने जो यात्रा तय की, उसके मूल उद्देश्यों में तीन चीजें बहुत प्रमुख हैं. पहला- देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा, दूसरा- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और तीसरा- भारतीय संस्कृति के सभी अंगों का पुनर्उत्थान करना.

अमित शाह ने आगे कहा कि, "एक समय भारत के बाकी हिस्सों से अलग-थलग माना जाने वाला नॉर्थ-ईस्ट क्षेत्र अब कई तरह के परिवहन साधनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. आज उत्तर-पूर्व ट्रेन से जुड़ा, रेलवे से जुड़ा, वाटरवेज से जुड़ा. साथ ही साथ आज दिल्ली और नॉर्थ-ईस्ट के बीच में दिलों की दूरी भी दूर करने का काम हमारी सरकार ने किया. आज नॉर्थ-ईस्ट विकास और शांति के राह पर बढ़ रहा है. इसी तरह जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर उसे विकास के रास्ते पर लाने का काम हुआ."

'युवाओं को मेनस्ट्रीम में लाने का काम भाजपा सरकार ने किया'

उन्होंने आगे कहा कि, "नॉर्थ-ईस्ट में सुरक्षा कर्मियों की मृत्यु में 2004-2014 की तुलना में 2014-2024 में 70 प्रतिशत की कमी आई है. 2004-2014 की तुलना में 2014-2024 में नागरिकों की मृत्यु में 85 प्रतिशत की कमी आई है. 12 महत्वपूर्ण शांति समझौते करके देश के दुश्मनों द्वारा हाथ में सप्लाई किए हुए ऑटोमेटिक हथियार लेकर घूमने वाले 10,500 युवाओं को सरेंडर कराकर मेनस्ट्रीम में लाने का काम भाजपा की सरकार ने किया."

'31 मार्च 2026 तक इस देश से नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा'

गृह मंत्री ने कहा कि, "पशुपति से तिरुपति तक का यह इलाका कभी रेड कॉरिडोर के नाम से जाना जाता था. अपने चरम पर इस क्षेत्र में देश के 70 प्रतिशत इलाके शामिल थे और लगभग 12 करोड़ लोग नक्सलवाद के प्रभाव और खतरे में रहते थे. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने संवाद, सुरक्षा और समन्वय, तीनों पहलू पर काम करने की शुरुआत की. आज नतीजा ये है कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 31 मार्च 2026 तक इस देश से हथियारी नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा."

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