हिजबुल मुजाहिदीन का मोस्ट वांटेड आतंकी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने उसकी तलाश में तलाशी अभियान चलाया था. जम्मू-कश्मीर के सोपोर का रहने वाला इस आतंकी पाकिस्तान भी गया था.  

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आतंकवादी की पहचान जावेद अहमद मट्टू के रूप में हुई

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हिजबुल मुजाहिदीन के मोस्ट वांटेड आतंकी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आंतकी पर 5 लाख रुपए का इनाम था. आतंकवादी की पहचान जावेद अहमद मट्टू के रूप में हुई है, जो जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में शामिल था. 

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने उसकी तलाश में तलाशी अभियान चलाया था. जम्मू-कश्मीर के सोपोर का रहने वाला इस आतंकी पाकिस्तान भी गया था.   विशेष पुलिस आयुक्त (एससीपी) एच जी एस धालीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह एक बड़ी सफलता है. जावेद अहमद मट्टू (32) को दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से गिरफ्तार किया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब उसे पकड़ा गया तो वह चोरी की कार चला रहा था. मट्टू पर दस लाख रुपये का इनाम घोषित था.

धालीवाल ने कहा कि मट्टू ‘‘11 ज्ञात आतंकी हमले के मामलों'' में नामजद आरोपी है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में पांच ग्रेनेड हमले और अलग-अलग घटनाओं में कम से कम पांच पुलिस कर्मियों की हत्या शामिल है. उन्होंने कहा कि मट्टू आतंकवादी संगठनों हिज्बुल मुजाहिदीन और अल बद्र का सदस्य है.

धालीवाल ने कहा कि मट्टू की अगुवाई में हुए हमलों में दर्जनों पुलिस कर्मी घायल हुए. मट्टू की गिरफ्तारी पर धालीवाल ने कहा कि पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के सोपोर के निवासी मट्टू के पास से एक भरी हुई पिस्तौल और एक अतिरिक्त मैगजीन जब्त की है. उसे ‘‘ए प्लस प्लस'' श्रेणी का आतंकवादी घोषित किया गया था.

धालीवाल ने कहा कि मट्टू की गतिविधियां 2010 में शुरू हुईं. वह जम्मू-कश्मीर में एक आतंकवादी मॉड्यूल का भी नेतृत्व कर रहा था, जिसमें छह सदस्य थे. अधिकारी ने कहा कि मट्टू जम्मू-कश्मीर में बचे खुचे कुछ आतंकवादियों में से एक है. उन्होंने कहा कि मट्टू अपनी पहचान बदलकर सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देता रहा. धालीवाल ने कहा कि मट्टू हाल में दिल्ली आया था. एससीपी ने कहा कि फिलहाल, राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी मामले में उसकी संलिप्तता सामने नहीं आई है.

पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि सोपोर का रहने वाला अब्दुल माजिद जरगर मट्टू के सहयोगियों में से था. अधिकारी ने कहा कि जरगर फिलहाल पाकिस्तान में है और वह सीमा पार तस्करी में शामिल है.

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अधिकारी ने कहा, ‘‘अब्दुल कयूम नजर आतंकवादी मॉड्यूल का ऑपरेशनल प्रभारी था. वह जम्मू-कश्मीर में एक मुठभेड़ में मारा गया.' मट्टू का एक अन्य सहयोगी तारिक अहमद लोन पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादी था. अधिकारी ने बताया कि जब लोन सुरक्षा बलों से घिर गया तो एक पुल से कूद गया जिससे उसकी मौत हो गई.

अधिकारी ने कहा कि मट्टू का सहयोगी इम्तियाज कुंडू 2016 में पाकिस्तान भाग गया था. अधिकारी ने कहा कि उसका नाम कश्मीर में कई मामलों में सामने आया है. धालीवाल ने कहा, 2010 में मट्टू ने अपने साथियों के साथ मिलकर सोपोर थाने के बाहर हेड कांस्टेबल मोहम्मद यूसुफ की हत्या कर दी थी. मट्टू ने चार अन्य लोगों के साथ 2010 में सोपोर के पुलिस अधीक्षक के आवास पर भी हमला किया था. एससीपी ने कहा कि वे एके-47 से लैस थे और उन्होंने आवास पर ग्रेनेड फेंके थे.

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धालीवाल ने कहा कि 2011 में मट्टू और उसके सहयोगियों ने सोपोर में कांस्टेबल मोहम्मद शफी लोन की हत्या कर दी और सोपोर थाने के बाहर एक आईईडी विस्फोट किया, जिससे एक अन्य पुलिस अधिकारी की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि मट्टू ने 2011 में थाने पर ग्रेनेड हमला भी किया था.

मट्टू के परिवार और उनके परिवार के एक सदस्य के सोपोर में तिरंगा लहराने के सवाल पर धालीवाल ने कहा कि इस समय वह उनके परिवार के बारे में कोई विवरण साझा नहीं कर सकते.
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