कैम्बेल बे में रचा गया इतिहास: अग्निवीर भर्ती रैली में दिखा युवाओं का ज़बरदस्त उत्साह

यह आयोजन आर्मी रिक्रूटिंग ऑफिस चेन्नई द्वारा ज़ोनल रिक्रूटिंग ऑफिस चेन्नई के तत्वावधान में किया गया. यह दक्षिण में देश के इतिहास की सबसे बड़ी भर्ती रैली रही.

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नई दिल्ली:

सेना ने सुदूर दक्षिणी छोर ग्रेट निकोबार के कैम्पबेल बे में पहली बार अग्निवीर भर्ती रैली की, जिसमें स्थानीय युवाओं का ज़बरदस्त जोश दिखाई दिया. यह रैली इस बात का संकेत थी कि भौगोलिक दूरी के कारण देश के किसी भी हिस्से के लोग देश सेवा में अपने योगदान से पीछे नहीं रहने चाहिए, यानी देश के सबसे दूरदराज इलाकों तक समान अवसर पहुंचाना और युवाओं को सेना में शामिल होने का मौका देना इस रैली का उद्देश्य था.

यह आयोजन आर्मी रिक्रूटिंग ऑफिस चेन्नई द्वारा ज़ोनल रिक्रूटिंग ऑफिस चेन्नई के तत्वावधान में किया गया. यह दक्षिण में देश के इतिहास की सबसे बड़ी भर्ती रैली रही. एक बयान के मुताबिक यह रैली सेना के अटूट संकल्प, व्यापक पहुंच और राष्ट्र-निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता की प्रतीक है.कठिन मौसमी हालात और सीमित संपर्क के बावजूद इस रैली का आयोजन असाधारण समन्वय और सटीकता के साथ किया गया. यह आयोजन तीनों सेनाओं – थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बेहतरीन तालमेल और नागरिक-सेना सहयोग का जीवंत उदाहरण था. सेना, नौसेना, वायुसेना और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से यह ऐतिहासिक उपलब्धि संभव हो सकी, जिसने यह सिद्ध किया कि भारत की सशस्त्र सेनाएं किसी भी दुर्गम और चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में बेहतरक प्रदर्शन करने में सक्षम हैं.

रैली में स्थानीय युवाओं का भारी उत्साह और भागीदारी देखने को मिली. कई अभ्यर्थी दूरस्थ निकोबार जिले के कोने-कोने से यात्रा कर यहां पहुंचे. रैली से पहले लंबी तैयारी की गईं, जिनमें पंजीकरण शिविर, जन-जागरूकता कार्यक्रम और पूर्व-प्रशिक्षण सत्र शामिल थे. इन प्रयासों का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करना और उनका मार्गदर्शन करना था.भर्ती से आगे बढ़कर, इस आयोजन ने सैन्य बलों और स्थानीय समुदायों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ किया. इसने आपसी विश्वास, सहयोग और राष्ट्रीय गर्व को मजबूत किया. देश के सबसे सुदूर सीमांत क्षेत्र में सेना की मौजूदगी ने राष्ट्रीय एकीकरण के सेना के संकल्प को और मज़बूत किया. 

कैम्पबेल बे में आयोजित यह ऐतिहासिक रैली समावेशन और सशक्तिकरण का सशक्त प्रतीक है. देश के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों को भी राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़े जाने के प्रयास होने चाहिए. इस पहल ने न केवल स्थानीय युवाओं को राष्ट्रसेवा का अवसर प्रदान किया, बल्कि उनमें आत्मविश्वास, एकता और देशभक्ति की भावना को भी प्रोत्साहित किया. 

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