Maharashtra News: पुणे के हिंजवड़ी इलाके में एक ऐसे हाई-टेक ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने पुलिस के भी होश उड़ा दिए हैं. यहां अपराधी MBA डिग्री होल्डर्स हैं, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अपने किराए के फ्लैट को 'ड्रग फैक्ट्री' में बदल चुके थे.
खेती का डिजिटल अवतार
गिरफ्तार आरोपी सुमित देदवाल (25) और अक्षय मेहर (25) ने खेती के लिए पारंपरिक तरीका नहीं, बल्कि हाइड्रोपोनिक (बिना मिट्टी के पानी में खेती) तकनीक को चुना. उन्होंने फ्लैट के तापमान, नमी और पौधों की ग्रोथ को कंट्रोल करने के लिए AI आधारित टूल्स का उपयोग किया गया. पूरे फ्लैट को एक अत्याधुनिक लैब की तरह डिजाइन किया गया था ताकि उच्च गुणवत्ता वाला ‘OG-कुश' गांजा उगाया जा सके.
डार्क वेब से खरीदते थे बीज, क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन
यह गिरोह केवल तकनीक तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इनका संचालन का तरीका भी पूरी तरह डिजिटल था. बीज और जरूरी सामान डार्क वेब और सोशल मीडिया के जरिए मंगवाया जाता था. पुलिस की नजरों से बचने के लिए सारा लेनदेन क्रिप्टोकरेंसी में होता था. जांच में सामने आया है कि ड्रग्स की खेप थाईलैंड से 'इलेक्ट्रॉनिक सामान' बताकर मंगवाई जा रही थी.
करोड़ों की बरामदगी, 2 सप्लायर भी पकड़े गए
पुणे पुलिस की इस कार्रवाई में केवल हिंजवड़ी ही नहीं, बल्कि मुंबई तक इसके तार जुड़े मिले. मौके से 45 लाख रुपये का माल और उपकरण जब्त हुए हैं. आरोपियों की निशानदेही पर मुंबई के सप्लायर मालय राजेश देलीवाला और स्वराज भोसले को पकड़ा गया है. मुंबई रेड में करीब 2.8 करोड़ रुपये के प्रतिबंधित पदार्थ (हैश, CBD तेल और गांजा) बरामद किए गए.
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