NDTV किएटर्स मंच पर हिंदी कवि अशोक चक्रधर ने बताया उनकी कविता और स्विमिंग पूल का संबंध

एनडीटीवी के क्रिएटर्स मंच पर आए हिंदी के मशहूर कवि अशोक चक्रधर ने बताया कि वो कहां लिखते हैं कविता. इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया, कविता और कवि को लेकर पर अपनी बात रखी.

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नई दिल्ली:

दिल की इस धड़कन में हम दोनों की साझेदारी है
आधी सांस हमारी इसमें आधी सांस तुम्हारी है

ऊपर की दो लाइनें हिंदी के मशहूर कवि अशोक चक्रधर की कविता की दो लाइनें हैं. चक्रधर शुक्रवार को दिल्ली में एनडीटीवी के आयोजन क्रिएटर्स मंच पर उन्होंने इसे सुनाया. इसके साथी ही उन्होंने अपनी कई कविताओं का पाठ भी किया. इस पर वहां मौजूद श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाईं. इस दौरान चक्रधर ने अपनी कविताओं की रचना प्रक्रिया के बारे में भी बताया. 

क्या किसी को कवि बनाया जा सकता है

अशोक चक्रधर से जब यह पूछा गया कि क्या किसी को ट्रेनिंग देकर कवि बनाता या जा सकता है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि उनके अंदर के कवि का पहला श्रेय उनके पिता राधेश्याम प्रगल्प को जाता है. उन्होंने बताया कि इसके बाद जो श्रेय जाता है, वह उन कवियों को जाता है जो उनके घर आया करते थे. उन्होंने कहा कि उन कवियों की कविताओं और उनकी शैलियों को देख-सुनकर मैं भी उनके जैसा ही बनना चाहता था. उन्होंने बताया कि उनके घर सोहनलाल द्विवेदी और हरिवंशराय बच्चन जैसे कवि आया करते थे. चक्रधर ने बताया कि उन्हें हरिवंशराय बच्चन  जी के साथ कविता पढ़ने का मौका मिला है. इसके साथ ही उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त और श्यामनरायन पांडेय के साथ भी कविता सुनाई है.

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स्विमिंग पुल में लिखी कविता

चक्रधर ने कहा कि इस साल जून में मैंने स्विमिंग पूल में कई कविताएं जलमग्न होकर लिखी हैं. उन्होंने ऊपर लिखी कविता की दो लाइनो के बारे में बताया कि तैरना सीखने के क्रम में ही ये दोनों लाइनें उन्होंने लिखी हैं. कवि सम्मेलन में मिलने वाली दाद और सोशल मीडिया पर मिलने वाली फॉलोइंग और व्यूज के सवाल पर चक्रधर ने कहा कि सोशल मीडिया पर कविता का आना, एक अलग तरह से कवि का जाना है, और यहां इस तरह से आप सबका कवि के लिए आना है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने कवियो और दूसरे रचनाकारों पर बहुत उपकार किया है. सोशल मीडिया ने प्रभुत्व को समाप्त किया है. कविता में लोकतांत्रिकता को जन्म दिया है.

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