अमेरिका में ट्रंप सरकार की शुरुआत से पहले शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) ने अपना बोरिया-बिस्तर समेटने का ऐलान किया है. इस कंपनी ने अदाणी ग्रुप समेत कई बिजनेस हाउस को साजिश के तहत टारगेट किया था. इससे इंडियन शेयर मार्केट से लेकर संसद तक अफरा-तफरी मची थी. विपक्ष ने हिंडनबर्ग को लेकर BJP और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया था. अब हिंडनबर्ग का शटर डाउन होने के ऐलान के बाद पूर्व राजनयिक योगेश गुप्ता ने विपक्ष पर तंज कसा है. योगेश गुप्ता ने कहा कि विपक्ष को जहां मौका मिलेगा, वो राजनीति ही करेगा. उसे जहां स्पेस मिलेगा, उसका इस्तेमाल जरूर करेगा. लेकिन देश से जुड़े मामलों में विपक्ष को गंभीरता से काम करना चाहिए.
गुप्ता ने कहा, "जब देश की संस्थाओं, मार्केट रेगुलेटर SEBI और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए जा रहे थे, तब विपक्ष को अपनी जिम्मेदारी दिखानी चाहिए थी. लेकिन वह ऐसा करने में फेल रही."
योगेश गुप्ता कहते हैं, "एक तरफ हिंडनबर्ग ने खुद को रिसर्च कंपनी बताया. दूसरी ओर ये शॉर्ट सेलिंग भी करता था. तभी से ये साफ हो गया था कि हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट वास्तव में साजिश की रिपोर्ट है. लेकिन, विपक्ष ने भारत की संस्थाओं, SEBI और कोर्ट पर यकीन नहीं किया और सरकार को टारगेट करने लगी. ये उसका गैर-जिम्मेदाराना रवैया था.
गुप्ता कहते हैं, "इस मामले में गलती यहां हुई कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद SEBI और RBI को एक्शन लेना चाहिए था. मसला ये है कि पूरे मामले में हमारे देश की बहुत बेइज्जती हुई है. देश के संस्थाओं की बेइज्जती हुई. देश के बड़े उद्योगपति की बेइज्जती हुई है. ऑर्गनाइजेशन का नाम खराब हुआ है. इसलिए हमें सरकारी लेवल पर हिंडनबर्ग से जितने भी लोग कनेक्टेड हैं, उनके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए."
उन्होंने कहा, "विपक्ष को भी जरा ठहरकर सोचने की दरकार है. कोई भी विदेशी कंपनी कोई भी साजिश के तहत ऐसी रिपोर्ट लाती है और विपक्ष बिना सोच-विचार के, बिना पुख्ता सबूतों के अपनी एजेंसियों और बिजनेस ग्रुप को कटघरे में खड़ा कर देती है. ये प्रैक्टिस बंद होनी चाहिए."
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