असम सरकार में मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता हिमंता बिस्वा सरमा इन दिनों अपने बयानों के चलते सुर्खियों में बने हुए हैं, 'असम में कोविड-19 नहीं... और मास्क गैरजरूरी' बयान पर पैदा हुए विवाद पर हिमंता सरमा ने एक फिर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जो लोग मेरे बयान का मजाक बना रहे हैं उन्हें असम जरूर आना चाहिए और देखना चाहिए कि किस तरह से हमने दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल की तुलना में कोविड के प्रकोप को रोका है, इसके अलावा अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लेकर आए हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने एक बार फिर दोहाराया, हम धूम धाम से बीहू भी मनाएंगे.
बता दें कि इस बयान से एक दिन पहले हिमंता सरमा ने असम में कोविड की स्थिति को लेकर बयान दिया था. न्यूज वेबसाइट लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में सरमा ने दावा किया था कि अब असम में मास्क की जरूरत नहीं है, अगर जरूरत होगी तो मैं लोगों को बताउंगा. उन्होंने कहा कि असम में कोविड खत्म हो चुका है और चुनाव के बाद हम बीहू का पर्व भी हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे. बताते चलें कि हिमंता सरमा ही असम सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. उन्होंने जिस दिन य़ह बयान दिया उसी दिन देश में कोरोना के करीब 90 हजार नए मामले सामने आए थे, जोकि मध्य सितंबर के बाद सबसे ज्यादा थे. इस आंकड़े में असम के 68 मरीज भी शामिल हैं, हालांकि असम में शनिवार को कोरोना के कारण असम में कोई मौत नहीं हुई थी.
Read Also: BJP नेता हिमंता बिस्वा सरमा को राहत, चुनाव प्रचार पर लगी रोक की अवधि को चुनाव आयोग ने घटाया
चुनावी माहौल में सरमा के इस बयान पर सियासी घमासान भी शुरू हो गया. शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सरमा को निशाने लेते हुए कहा कि हमारे देश में पहला राज्य... या फिर रहें पूरी दुनिया में ऐसा पहला राज्य, जहां के स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश को कोविड मुक्त घोषित कर रहे हैं, इसके अलावा वह लोगों को मास्क नहीं पहनने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने की सलाह भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा हमें WHO से अपील करके ऐसे करतब को पूरे विश्व को दिखाना चाहिए.
बताते चलें कि मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील तो तमाम वैश्विक संस्थाओं के अलावा WHO और केंद्र सरकार भी करती रही है. हालांकि असम को कोविड के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए खासा सराहा जा चुका है. फिर भी इस तरह के बयानों का समर्थन नहीं किया जा सकता है.