हिमाचल इलेक्शन वॉच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति का चुनावी साक्षरता अभियान 1500 ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में 50,000 से अधिक घरों तक पहुंचेगा. हिमाचल इलेक्शन वॉच और एडीआर ने 68 मौजूदा विधायकों की आपराधिक , शिक्षा, लिंग और वित्तीय पृष्ठभूमि की रिपोर्ट जारी की है. 14वीं विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर ये चुनावी साक्षरता अभियान चल रहा है.
महीने भर चलने वाले इस अभियान के दौरान 1500 से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंच करने के लिए जन संवाद का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें मतदान का बहिष्कार न करने के लिए प्रेरित करना है.
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, केंद्रीय और राज्य चुनाव स्तर पर राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपनी वेबसाइट पर लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के बारे में विस्तृत जानकारी अपलोड करें, जिसमें अपराधों की प्रकृति, संबंधित विवरण जैसे कि आरोप तय किए गए हैं, संबंधित कोर्ट, केस नंबर आदि जानकारी हो. सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को ऐसे उम्मीदवारों के चयन के 72 घंटों के भीतर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को नामित करने के लिए कारणों को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित अपनी वेबसाइट पर सूचीबद्ध करने का भी निर्देश दिया है. यह जानकारी : एक स्थानीय समाचार पत्र और एक राष्ट्रीय समाचार पत्र; फेसबुक, ट्विटर सहित राजनीतिक दल के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी प्रकाशित की जाएगी.
हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच और एडीआर ने हिमाचल प्रदेश 2017 के विधानसभा चुनावों में सभी 68 मौजूदा विधायकों के स्वघोषित हलफनामों का विश्लेषण किया है. जिसके अनुसार
• आपराधिक मामलों वाले 19 (28%) विधायक हैं.
• गंभीर आपराधिक मामलों वाले 8 (12%) विधायक हैं.
• 50 (74%) करोड़पति विधायक हैं.
• विधायकों की औसत संपत्ति 8.45 करोड़ रु है.
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