OPS का वादा और....हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत के ये रहे प्रमुख कारण...

Himachal Election Results : गुजरात की धमाकेदार जीत पर इतरा रही बीजेपी को 'हिल स्‍टेट' हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने तगड़ा झटका दिया है. राज्‍य के विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझानों के अनुसार कांग्रेस राज्‍य में सत्‍ता हासिल करती नजर आ रही है.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

Himachal Pradesh Election Results: गुजरात की धमाकेदार जीत पर इतरा रही बीजेपी को 'हिल स्‍टेट' हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने तगड़ा झटका दिया है. राज्‍य के विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझानों के अनुसार कांग्रेस राज्‍य में सत्‍ता हासिल करती नजर आ रही है. पार्टी ने अब तक 39 सीटों पर बढ़त बना रखी है जबकि जयराम ठाकुर की अगुवाई में राज्‍य में सत्‍ता पर काबिज बीजेपी को केवल 26 सीटों पर ही बढ़त हासिल है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) को किसी भी सीट पर बढ़त नहीं मिली है.

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बागियों ने बीजेपी को किया खासा नुकसान 
राज्‍य में बीजेपी के टिकट वितरण को लेकर इस बार खासा असंतोष रहा. इस कारण बड़ी संख्‍या में पार्टी के प्रति निष्‍ठा रखने वाले नेताओं ने निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरने का फैसला ले डाला. बागी प्रत्‍याशियों को मनाने की बीजेपी की तमाम कोशिशें नाकाम रही थीं. हालत यह रही कि एक बागी प्रत्‍याशी कृपाल परमार को हटने का आग्रह करने के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी को भी फोन करना पड़ा था.  फतेहपुर सीट से बागी प्रत्‍याशी कृपाल परमार ने हालांकि पीएम के इस आग्रह को विनम्रतापूर्वक अस्‍वीकार कर दिया था. करीब डेढ़ दर्जन बागी प्रत्‍याशियों के मैदान में होने के कारण जहां बीजेपी को नुकसान हुआ जबकि कांग्रेस को फायदा. 

कांग्रेस ने OPS का किया था वादा, जिसने काम किया
कांग्रेस हिमाचल विधानसभा चुनाव में इस बार बेहतर रणनीति के साथ उतरी. पार्टी ने पुरानी पेंशन स्‍कीम (OPS)को लागू करने का वादा किया था जिसने कर्मचारी वर्ग पर खासा असर किया. सेब उत्‍पादकों की समस्‍याओं को हल करने सहित रोजगार और एक निश्चित सीमा तक निशुल्‍क बिजली जैसे वादे कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किए थे  जिसमें मतदाताओं पर खासा प्रभाव डाला और लोगों ने पार्टी के पक्ष में मतदान करते हुए बीजेपी को खारिज कर दिया. कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री (स्‍वर्गीय)वीरभद्र सिंह की ओर से किए से किए गए विकास कार्यों को भी इन चुनावों में भुनाया. 

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जयराम ठाकुर की सरकार के प्रति अंदरखाने असंतोष
हिमाचल से जुड़े बीजेपी सूत्रों की मानें जो जयराम ठाकुर ने पांच साल के दौरान जिस तरह से सरकार चलाई, उसे लेकर पार्टी के नेताओं/कार्यकर्ताओं में असंतोष रहा. ऐसे मौके भी आए जब बीजेपी आलाकमान को सीएम को हिदायत देनी पड़ी. सीएम ठाकुर के गृह जिले में भी टिकट वितरण को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं में नाराजगी रही. वैसे भी हिमाचल में हर पांच साल में सरकार बदलने की मानो 'परंपरा' सी रही है और इस बार लोगों की नाराजगी राज्‍य की बीजेपी सरकार पर भारी पड़ी.

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अग्निवीर मुद्दे को लेकर भी थी बीजेपी से नाराजगी
हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्‍या में लोग सेना में भर्ती होते रहे हैं. सेना में भर्ती के लिए जब बीजेपी सरकार ने अग्निवीर योजना लागू की तो हिमाचल में काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे.  राज्‍य में कई जगह युवाओं ने नेशनल हाईवे और अन्य मार्गों पर चक्का जाम किय था. अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं का गुस्‍सा भी राज्‍य की बीजेपी सरकार पर गिरा और उसका वोट प्रतिशत गिरा.

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