संकट में सुक्खू सरकार! BJP की अविश्वास प्रस्ताव की मांग के बीच होटल में कांग्रेस के 6 विधायक

जयराम ठाकुर (Rajya Sabha Polls) ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कटौती प्रस्तावों पर वोट विभाजन की अनुमति नहीं देने के बाद जब बीजेपी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से बात करनी चाही तो मार्शलों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनके साथ मारपीट की.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

संकट में हिमाचल प्रदेश सरकार.

शिमला:

राज्यसभा सीट गंवाने के बाद हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. बीजेपी सुक्खू सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग राज्यपाल से कर रही है. राज्यपाल ने विधानसभा स्पीकर को तलब किया है. बजट सत्र शुरू होते ही बीजेपी आज विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. वहीं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 विधायक फिलहाल पंचकूला में ठहराए गए हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें सेक्टर 3 के होटल हॉलिडे इन में रखा गया है. ये विधायक किसी भी समय हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हो सकते हैं. हिमाचल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष  राजीव  बिंदल ने भी इन विधायकों से मुलाकात की.

इस बीच कांग्रेस ने भी डैमेज कंट्रोल करते हुए दो पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं. कांग्रेस को हिमाचल सरकार गिरने का डर सता रहा है. दरअसल राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग की वजह से बीडेपी और कांग्रेस को बराबर वोट मिले, जिसके बाद पर्ची डालकर हार-जीत का फैसला करना पड़ा. अभिषेक मनु सिंघवी से हर्ष महाजन जीत गए. 

ये भी पढ़ें-हिमाचल की राज्यसभा सीट हारने के बाद संकट में सुक्खू सरकार! BJP बोली-उनको सत्ता में रहने का अधिकार नहीं

Advertisement

"हिमाचल सरकार अभी अल्पमत में"

राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद हर्ष महाजन ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है. "राज्य सरकार अभी अल्पमत में है. सरकार में बैठे लोग इस तरफ आने को तैयार हैं, वे सरकार से नाखुश हैं. वे इतने परेशान हैं कि कुछ भी कर सकते हैं. यह सरकार नहीं चलेगी।" यह अपने ही वजन के नीचे गिर जाएगा.'' 

Advertisement

 "सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं"

बीजेपी के एक डेलिगेशन ने आज सुबह राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की. जयराम ठाकुर ने बैठक के बाद कहा, "जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं, तब हमने जीत हासिल की. बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता. फिलहाल कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है." पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कटौती प्रस्तावों पर वोट विभाजन की अनुमति नहीं देने के बाद जब बीजेपी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से बात करनी चाही तो मार्शलों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनके साथ मारपीट की. उन्होंने कहा, ''हमने राज्यपाल को इस बारे में अवगत करा दिया है.''

Advertisement

Advertisement

"विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार"

बीजेपी आज बजट सत्र शुरू होते ही विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर भी विचार कर रही है. जयराम ठाकुर ने कल ध्वनि मत के बजाय राज्य के बजट को पारित करने के लिए वोटों के विभाजन की मांग की. उन्होंने कहा, अगर परमिशन दी गई, तो वोटों के विभाजन से प्रत्येक पार्टी का वास्तविक समर्थन सामने आ जाएगा, अगर कांग्रेस सरकार बजट पारित कराने में विफल रहती है, तो यह खुद साबित हो जाएगा कि उसके पास सदन में बहुमत नहीं है. 

संकट में हिमाचल की सिक्खू सरकार 

बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं. उसके उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के आसानी से जीतने की उम्मीद थी. एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को हुए मतदान के दौरान, छह कांग्रेस विधायकों और सरकार का समर्थन करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए कथित तौर पर हर्ष महाजन के लिए अपना वोट डाला.