शिमला ग्रामीण सीट राजघराने के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है. यहां से हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और उनके गुजरने के बाद राजा बने 33 साल के विक्रमादित्य सिंह मैदान में हैं. बीजेपी लगातार विक्रमादित्य और उनका मां प्रतिभा सिंह को लेकर परिवारवाद का आरोप लगा रही है. विक्रमादित्य सिंह राजा वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. वीरभद्र सिंह 6 बार मुख्यमंत्री रहे और उनकी मौत के बाद विक्रमादित्य को राजा बनाया गया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में अब भी राजा और राजघरानों की तूती बोलती है. इस साल ही मंडी लोकसभा उपचुनाव में वीरभद्र की पत्नी और रानी प्रतिभा सिंह ने बीजेपी के उम्मीदवार को हरा दिया था. विक्रमादित्य सिंह की मां रानी प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं. यही वजह है कि बीजेपी चुनाव प्रचार के दौरान हिमाचल कांग्रेस को मां-बेटे की कांग्रेस बता रही है. एनडीटीवी ने इन्हीं विक्रमादित्य से बातचीत की.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि हम राज नहीं रिवाज बदलने जा रहे हैं, वो एक बार फिर जीत का दावा कर रहे हैं , इस पर कुछ कहना चाहेंगे? इस पर विक्रमादित्य ने जवाब दिया कि वे मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. सीएम होने के बावजूद वह वास्तविकता से अनभिज्ञ हैं. प्रदेश में किसान, कर्मचारी, युवा क्या चाहता है उनको कुछ नहीं पता. उनका खूफिया तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है. वह हर वर्ग की आवाज उठाने में विफल हुए हैं. आप इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर ऐलान किया था कि वह मंडी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाएंगे लेकिन पांच साल हो गए, इसकी एक ईंट भी नहीं लगी. शून्य बट्टा शून्य, सोचिए ये तो ड्रीम प्रोजेक्ट की बात है तो बाकी चीजों का प्रदेश में क्या हाल होगा.
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया था और आप पर सीधे तौर पर व्यक्तिगत हमला बोलते हुए उन्होंने मां-बेटे की सरकार और परिवारतंत्र जैसे आरोप लगाए थे कि कांग्रेस इससे बाहर नहीं निकलती. इस पर विक्रमादित्य ने जवाब दिया कि अमित शाह का बेट जय शाह बीसीसीआई का अध्यक्ष है. क्या उन्होंने कभी बल्ला या बॉल उठाई भी है. क्या उन्हें क्रिकेट का कोई अनुभव भी है. हिमाचल प्रदेश से बीजेपी के चार नेता सीधे परिवारवाद से निकले हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर तो प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं. पहले वह अपना देखें फिर दूसरों पर कीचड़ उछालें. रही हमारी बात हम लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं और उसी के साथ आगे बढ़ रहे हैं. हम चुनाव जीतकर जनता के बीच हैं. जनता जो निर्णय लेगी वो सिर माथे पर.
बीजेपी के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस भी अंदरूनी लड़ाई से जूझ रही है. उसे कैसे रोकेंगे? राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान सबके सामने है. साथ ही अगर जीतते हैं तो सीएम फेस को लेकर खींचतान जैसे मामलों से कैसे निपटा जाएगा?
इस पर विक्रमादित्य ने कहा कि हम सभी कुछ अच्छे तरीके से हैंडल करेंगे. दूध का जला छाछ भी फूंककर पीता है, जो और राज्यों में हुआ वह हिमाचल में नहीं होगा. इस बार टिकट वितरण भी बहुत अच्छा हुआ है. हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएं. वहीं मुख्यमंत्री के फेस के लिए अभी से सवाल बेमानी है. जब सरकार बनेगी तो विधायक दल की बैठक में इसका निर्णय लिया जाएगा.
अपने पिता वीरभद्र को लेकर विक्रमादित्य ने कहा कि वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. हमारी सरकार बनेगी तो वीरभद्र सिंह का मॉडल राज्य में लागू होगा. इस समय सबसे महत्वपूर्ण पार्टी को राज्य में वापस लाना है.