हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए उसके ही 'बागी' चिंता का कारण बने हुए हैं. टिकट कटने के बाद पार्टी के 19 बड़े नेता चुनावी समर में निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरे हैं. बीजेपी ने 11 मौजूदा विधायकों का टिकट काटा है. पार्टी के दो मौजूदा विधायक और 5 पूर्व विधायक इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के हटने के आग्रह को भी इन बागियों ने ठुकरा दिया. बीजेपी से टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे अनी विधानसभा के मौजूदा विधायक किशोरी लाल से NDTV ने बात की. दो बार वे चुनाव जीत चुके हैं.
आपको इस बार पार्टी ने टिकट क्यों नहीं दिया, इस सवाल के जवाब में किशोरी लाल ने कहा, 'विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने के लिए मैं सबसे बड़ा दोष अनी मंडल और प्रदेश नेतृत्व को देता हूं. जब टिकट नहीं मिला तो मैं दो दिन घर में था. घर में हम बैठे तो विधानसभा क्षेत्र के कई कार्यकर्ता इस फैसले से परेशान थे. क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताओं की मांग को ध्यान में रखकर मैंने चुनाव मैदान में निर्दलीय के तौर पर उतरने का फैसला किया है. '
क्या बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने आपको मनाया नहीं, जवाब में किशोरी लाल ने कहा, "मनाने की कोशिश की गई. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डाजी का फोन आया. नड्डा जी बोले-बात करते हैं. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और सीएम जयराम ठाकुर का भी फोन आया. मैंने कहा कि मेरे कार्यकर्ता नहीं मान रहे, जनता की आवाज को हम रोक नहीं सकते." किशोरी लाल ने कहा कि जितने भी बीजेपी के कार्यकर्ता थे उन्होंने कहा कि चुनाव आपको लड़ना ही पड़ेगा, क्षेत्र की जनता आपके साथ है. क्या क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बात सुनी नहीं जा रही, इसके जवाब में उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. अनुशासनहीनता के चलते बीजेपी ने किशोरी लाल को पार्टी से निकाल दिया है. कहीं आपकी और बीजेपी की लड़ाई में कहीं कांग्रेस को फायदा नहीं हो जाए तो आत्मविश्वास से भरे किशोरी लाल ने कहा, "ऐसा कुछ नहीं होगा. क्षेत्र की जनता हमारे साथ है, बीजेपी के कार्यकर्ता हमारे साथ हैं. मैंने बहुत बढ़िया काम किया है. जहां-जहां हम जा रहे, कार्यकर्ताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है."
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