कर्नाटक में उपजे हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) का सियासी इस्तेमाल मौजूदा विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2022) में हो रहा है, इसलिए इसकी सुनवाई टाल दी जाय. मामले में याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कर्नाटक हाई कोर्ट में ऐसा तर्क दिया है. वकील ने याचिका दायर कर कोर्ट से गुजारिश की है कि इस मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक स्थगित कर दी जाय.
आयशा अल्मास और उडुपी गवर्नमेंट जूनियर कॉलेज की चार अन्य छात्राओं के वकील मोहम्मद ताहिर ने Interlocutory Application में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चल रहे विधान सभा चुनावों का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा है कि राजनीतिक दल इस विवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हिजाब विवाद के बीच कर्नाटक में 11-12वीं के स्कूल बुधवार से खोले जाएंगे
मोहम्मद ताहिर ने कोर्ट में दाखिल आवेदन में कहा है कि राजनीतिक दल हिजाब विवाद का इस्तेमाल एक दूसरे के खिलाफ समुदायों का ध्रुवीकरण और उनके बीच नफरत पैदा करने के लिए कर रहे हैं. आवेदन में यह भी चेतावनी दी गई है कि किसी भी व्यक्ति का कोई भी शरारती कार्य सांप्रदायिक विभाजन को और भड़का सकता है.
कर्नाटक हाई कोर्ट छात्राओं की उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में सिर पर स्कार्फ के इस्तेमाल पर रोक को चुनौती दी गई है. इस विवाद पर राज्य भर में शैक्षणिक परिसरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसके बाद कुछ दिनों के लिए स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया था.
सोमवार को जैसे ही 10वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खोले गए, तब सोशल मीडिया पर ऐसे दृश्यों की भरमार देखने को मिली, जिसमें शिक्षक यह कहते हुए देखे गए कि स्कूल परिसर में प्रवेश से पहले हिजाब हटा दें.
वीडियो: Hijab Controversy: हिजाब मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट में आज ढाई बजे से सुनवाई