- बीजेपी ने हेमंत खंडेलवाल को मध्यप्रदेश का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.
- हेमंत खंडेलवाल बैतूल से विधायक हैं, उन्होंने निर्विरोध अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा.
- पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हेमंत खंडेलवाल के नाम का समर्थन किया है.
- खंडेलवाल संगठन के अंदर लंबे समय से सक्रिय हैं, उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.
BJP President MP: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मध्यप्रदेश समेत कुल 9 राज्यों में अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया है. मध्यप्रदेश में ये जिम्मेदारी हेमंत खंडेलवाल को दी गई है बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल को पार्टी ने निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया है. वह अब वीडी शर्मा की जगह लेंगे. प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केवल हेमंत खंडेलवाल ने ही नामांकन दाखिल किया. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव, और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत तमाम नेताओं ने उनके नाम का समर्थन किया.
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बीजेपी ने हेमंत खंडेलवाल को क्यों चुना?
हेमंत खंडेलवाल किसी अचानक उभरे नेता नहीं, बल्कि संगठन की परख और परिपक्वता का उदाहरण हैं. वह संगठन के अंदर लंबे समय से सक्रिय हैं. कभी प्रदेश कोषाध्यक्ष, कभी कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के प्रमुख, तो कभी आरएसएस के प्रकल्पों से सीधे जुड़ाव.
हेमंत के पिता बीजेपी के कद्दावर नेता थे
हेमंतखंडेलवाल का जन्म 3 सितंबर 1964 को मथुरा में हुआ, बैतूल के जेएच गवर्नमेंट कॉलेज से उन्होंने बी.कॉम और फिर और एलएलबी की पढ़ाई की. उनके पिता विजय कुमार खंडेलवाल बीजेपी के कद्दावर नेता थे जो सांसद भी रहे, पत्नी रितु खंडेलवाल पश्चिम बंगाल से हैं. हेमंत खंडेलवाल को राजनीति विरासत में मिली, लेकिन उन्होंने इसे केवल पारिवारिक पहचान तक सीमित नहीं रखा. उन्होंने इसे संगठनात्मक अनुभव और सादगीपूर्ण नेतृत्व में बदला. हेमंत खंडेलवाल की लो-प्रोफाइल छवि, संयमित भाषण शैली, और सामाजिक मुद्दों पर सक्रियता ने उन्हें इस पद के लिये सर्वमान्य बना दिया.
क्षेत्रीय-सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश
साल 2008 में पिता के निधन के बाद बीजेपी ने उन्हें बैतूल से लोकसभा उपचुनाव में टिकट दिया, जहां उन्होंने जीत दर्ज की. हेमंत खंडेलवाल के चयन से बीजेपी ने न केवल एक अनुभवी और संगठन-प्रिय नेता को चुना है, बल्कि क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन को भी साधने की कोशिश की है. मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आते हैं, जबकि खंडेलवाल सामान्य वर्ग से हैं , इससे जातीय संतुलन भी बना रहता है.
बुधवार को भोपाल में बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक है, जिसमें उनके निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की जाएगी. यह बैठक बीजेपी के आगामी सांगठनिक और चुनावी रोडमैप को तय करने में भी अहम भूमिका निभाएगी.