हिमाचल प्रदेश के मंडी के थुनाग में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई. इसके बाद पानी की चपेट में जो आया, वो बह गया. हिमाचल प्रदेश में रविवार को 'भारी से अत्यधिक भारी' बारिश हुई, जिसके चलते भूस्खलन हुआ और अचानक बाढ़ आ गई. इस दौरान कई इलाके जलमग्न हो गए, सड़कें, वाहन और घर बह गए और कई लोगों की मौत हो गई. इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है, क्योंकि मौसम विभाग ने राज्य में अगले 24 घंटों में भी भारी बारिश का अनुमान है.
हिमाचल में जल प्रलय के बीच CM सुक्खू ने की ये अपील
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में हुए हादसों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही कहा, "मैं हिमाचल के लोगों से फिर अनुरोध करता हूं कि अगले 24 घंटों तक अपने घरों में रहें क्योंकि अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना है...हमने आपदा से निपटने के लिए 3 हेल्पलाइन नंबर (1100, 1070 और 1077) जारी किए हैं...किसी भी आपात स्थिति में आप इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं और मैं भी 24 घंटे आपकी सेवा के लिए उपलब्ध रहूंगा."
उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बीते दो दिन से मॉनसून की बारिश से मुश्किलें बढ़ गई हैं. इन इलाकों में अलग-अलग हादसों में 19 लोगों की मौत हुई है. सबसे ज़्यादा तबाही हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई है. हिमाचल के कुल्लू, मनाली और मंडी में कई जगह भू स्खलन की घटनाएं हुई, जिससे चंडीगढ़-मनाली हाईवे का एक हिस्सा भी बह गया.
हिमाचल में भारी बारिश से 700 से ज़्यादा सड़कें बंद हैं. तीन नेशनल हाईवेज़ पर भी ट्रैफ़िक रोकना पड़ा है. यहां बिजली का संकट भी खड़ा हो गया है. क़रीब 1800 बिजली ट्रांसफ़ॉर्मर ठप्प पड़ गए हैं. राज्य में दो दिन के लिए स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं. चंबा, कांगड़ा, मंडी, उना, हमीरपुर, बिलासपुर ज़िलों में भारी बारिश के अलर्ट के चलते लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग ने कई इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ की आशंका जताई है. शिमला, सोलन और सिरमौर ज़िलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
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