- हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में भारी बारिश के कारण अगले चौबीस घंटे के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
- मंडी जिले में भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण चंडीगढ़ मनाली हाईवे बंद हो गया है और जनजीवन प्रभावित हुआ है.
- मंडी में जून के अंत में आई प्राकृतिक आपदा में पंद्रह लोगों की मौत हुई और 27 लोग अभी भी लापता हैं.
हिमाचल में भारी बारिश और लैंडस्लाइड लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है. लैंडस्लाइड कई सड़कें बंद हैं. मंडी में सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदा देखने को मिल रही है. मंडी के पंडोह में देर रात से ही बारिश, भारी लैंडस्लाइड से चंडीगढ़ मनाली हाईवे बंद हो गया है. हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए जारी किया है. मौसम विभाग ने सलाह दी है कि इस दौरान लागे अनावश्यक यात्रा से बचें.
सात जिलों में 'ऑरेंज अलर्ट'
हिमाचल प्रदेश के दो से सात जिलों के कुछ इलाकों में 21 से 23 जुलाई तक भारी बारिश के अनुमान के मद्देनजर स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार को ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया. मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ स्थानों पर भारी बारिश, गरज और बिजली गिरने की आशंका है. राज्य के कुछ हिस्सों में रविवार को हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई. मुरारी देवी में शनिवार शाम से अब तक सबसे अधिक 58.6 मिमी वर्षा हुई. इसके बाद स्लैपर में 22.3 मिमी, हमीरपुर में 18.5 मिमी, कांगड़ा में 15.2 मिमी, धर्मशाला में 13.8 मिमी, मंडी में 12.4 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 12 मिमी, जोगिंद्रनगर में 11 मिमी, बिलासपुर में 10.4 मिमी, मलरांव में सात मिमी, कंडाघाट में 5.8 मिमी, शिमला में छह मिमी और सुन्नीबज्जी में पांच मिमी बारिश दर्ज की गई.
अगले 72 घंटे भारी!
- हिमाचल में शिमला सहित प्रदेश के अधिकतर जिलो में भारी बारिश
- 7 जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा, कुल्लु, बिलासपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी.
- हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर लैंडस्लाइड से सड़के बन्द,
- एक नेशनल हाई वे सहित 150 सड़के बंद
- मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों के लिए भारी बारी की चेतावनी दी.
मंडी का बुरा हाल
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही केंद्रीय टीम ने अपना दौरा पूरा कर लिया है और वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने रविवार को यह जानकारी दी. तीस जून और एक जुलाई की मध्य रात्रि को मंडी जिले के कई इलाकों में बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 15 लोगों की मौत हो गई थी और 27 अन्य लोग अभी भी लापता हैं. इस आपदा में लगभग 854 घरों को भारी नुकसान पहुंचा था और 857 मवेशी मारे गए थे. ठाकुर केंद्रीय टीम के साथ अपने विधानसभा क्षेत्र सेराज के वर्षा प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए थे. ठाकुर ने बताया कि अधिकारियों ने बगस्याड़, थुनाग, देजी गांव, लंबाथाट, पांडव शिला और झेंजली इलाकों का दौरा किया और नुकसान का ब्यौरा इकट्ठा किया. उन्होंने बताया कि हालांकि, सड़कें अभी भी बंद होने के कारण टीम कुछ अन्य इलाकों का दौरा नहीं कर सकी.