पूर्वी भारत में मई महीने में लू चलने की संभावना : मौसम विज्ञान विभाग

मौसम विभाग के मुताबिक मई में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित देश के पश्चिमोत्तर और पश्चिम-मध्य हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं.

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केरल, आंध्र प्रदेश और दक्षिण कर्नाटक के कई हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान.

बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत पूर्वी भारत के कई हिस्सों में मई में तापमान सामान्य से अधिक रहने और कुछ दिन लू चलने का पूर्वानुमान है. मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी. आईएमडी ने मई के लिए तापमान और बारिश संबंधी मासिक पूर्वानुमान के तहत बताया कि पश्चिमोत्तर और पश्चिम-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में रात में मौसम गर्म रहने और दिन में सामान्य से कम तापमान रहने की संभावना है.

विभाग ने बताया कि कि मई में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित देश के पश्चिमोत्तर और पश्चिम-मध्य हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं. इसके अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्र, केरल, आंध्र प्रदेश और दक्षिण कर्नाटक के कई हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है. आईएमडी के अनुसार, मई में 61.4 मिलीमीटर की लंबी अवधि के औसत (एलएपी) की 91-109 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है.

विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मई में बिहार, झारखंड, ओडिशा, गांगेय पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तथा पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना और तटीय गुजरात के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवाएं चलने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि मई में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मौजूद तटस्थ अल नीनो का प्रभाव रहने की संभावना है और मौसम संबंधी अधिकतर मॉडल मई से मानसून के दौरान क्षेत्र के गर्म होने का संकेत दे रहे हैं.

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ऐसा बताया जाता है कि अल नीनो या भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के गर्म होने का भारत में मानसूनी बारिश पर प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा, हिंद महासागर में समुद्र की सतह (जिसे हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) भी कहते हैं) के तापमान जैसे अन्य कारक भी मौसम को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं.

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महापात्र ने कहा कि हिंद महासागर में मौजूद तटस्थ आईओडी संबंधी स्थितियां आगामी मौसम में सकारात्मक होने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुवीय स्थितियां भारतीय मानसून के पक्ष में और अल नीनो के प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिए जानी जाती हैं. इस महीने की शुरुआत में विभाग ने 87 सेंटीमीटर की लंबी अवधि के औसत (एलएपी) की 96 प्रतिशत बारिश होने की संभावना जताई थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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