"दिल को झकझोर देने वाला": ऑक्सीजन संकट पर ग्रेटा थनबर्ग ने दुनिया से सहयोग का किया आह्वान

भारत में शनिवार को पिछले 24 घंटे में 3.46 लाख कोरोना के मामले मिले हैं. जबकि 2624 लोगों की मौत हुई है. रोजाना के केस मार्च मध्य के 25 हजार से बढ़कर अब 3.5 लाख तक पहुंच गए हैं.

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Oxygen Shortage कई राज्य मेडिकल ऑक्सीजन, बेड, दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं
नई दिल्ली:

स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने भारत में कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों के कारण पैदा हुई ऑक्सीजन की किल्लत पर वैश्विक सहयोग की अपील की है. थनबर्ग ने एक ट्वीट में कहा कि दुनिया भर के देशों को आगे बढ़कर कोरोना वायरस की महालहर का सामना कर रहे भारत की मदद करनी चाहिए. गौरतलब है कि दिल्ली समेत देश भर के कई राज्य मेडिकल ऑक्सीजन(Oxygen Shortage), बेड, दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं

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विशेषज्ञों का कहना है कि कई म्यूटेंट वैरिएंट कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं. कोरोना के नियमों के प्रति लोगों की लापरवाही केकारण भी स्थिति भयावह हुई है. कोरोना के नए मामलों की सुनामी आने के बाद अस्पतालों में बेड, दवा और ऑक्सीजन की भयंकर कमी पैदा हो गई है.

ग्रेटा थनबर्ग पिछली बार भारत में किसान आंदोलन के दौरान ट्वीट को लेकर सुर्खियों में रही थीं. उनके ट्वीट के साथ शेयर की गई टूलकिट को लेकर विवाद पैदा हो गया था. आरोप लगा था कि भारत विरोधी साजिश के तहत टूलकिट के जरिये अंतरराष्ट्रीय हस्तियों से ट्वीट करवाए गए, ताकि इस मामले को उभारा जा सके. 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal)ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को खत लिखा है और ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए सहयोग मांगा है. केजरीवाल ने मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी में कहा है कि दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं होता और न ही यहां पर मेडिकल ऑक्सीजन (Medical Oxygen) की फैक्ट्री है,ऐसे में आपसे जो सहयोग हो सकता हो जरूर कीजिए' ़ केजरीवाल ने कहा कि हालांकि केंद्र सरकार भी दिल्ली की मदद कर रही है,लेकिन कोरोना की गंभीरता इतनी ज्यादा है कि सभी उपलब्ध संसाधन अपर्याप्त साबित हो रहे हैं. 

भारत में शनिवार को पिछले 24 घंटे में 3.46 लाख कोरोना के मामले मिले हैं. जबकि 2624 लोगों की मौत हुई है.भारत में कोरोना के रोजाना के केस मार्च मध्य के 25 हजार से बढ़कर अब 3.5 लाख तक पहुंच गए हैं. एक्टिव केस यानी जिन मरीजों का इलाज चल रहा है, उनकी तादाद बढ़कर 25.5 लाख तक पहुंच गई है. अस्पतालों और चिकित्साकर्मियों पर जबरदस्त दबाव है. 

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