महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर सुनवाई जारी

अनिल देशमुख को पिछले साल यानी नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था और इस साल की शुरुआत में एक विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज करने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

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सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को जमानत के खिलाफ सुनवाई जारी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर सुनवाई जारी है. प्रवर्तन निदेशालय जमानत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. 

पिछले हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किये गये महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को जमानत दे दी थी. अनिल देशमुख को पिछले साल यानी नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था और इस साल की शुरुआत में एक विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज करने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. वहीं इस साल के शुरुआत में विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज करने के बाद उन्हें उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटना पड़ा था.

अनिल देशमुख पर क्या हैं आरोप

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इन आरोपों के बाद सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. इसके बाद ईडी ने भी देशमुख के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था. ईडी ने जांच करने के दौरान ही नवंबर, 2021 में देशमुख को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में हैं.

ईडी ने चार्जशीट में दावा किया गया है कि देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. देशमुख पर मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से करीब करोड़ों रुपये वसूलने का आरोप है. साथ ही आरोप है कि देशमुख ने गलत तरीके से अर्जित धन को नागपुर स्थित श्री साईं शिक्षण संस्थान को मुहैया कराया, जो उनके परिवार के जरिए नियंत्रित एक शैक्षिक ट्रस्ट है. 

ईडी के लिए एसजी तुषार मेहता ने कहा 
- सबूतों पर चुनिंदा चर्चा की गई
- जमानत के आधार विकृत थे
- उसी आधार पर जमानत रद्द की जा सकती है

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा
- यहां 73 साल का एक व्यक्ति है
- दो बार वह जेल से अस्पताल में भर्ती हुआ था
- हम इस आधार पर ही जमानत को बरकरार रख सकते हैं

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 एसजी- हम में से सब के पास ये आधे स्वास्थ्य आधार हैं 

जस्टिस चंद्रचूड़

-इसे व्यक्तिगत न बनाएं 

-SG--HC के आदेश की विकृति देखें
-मामले के गुण-दोष को नहीं छुआ जाना चाहिए था 

जस्टिस चंद्रचूड़ 
- मान लीजिए कि हम कहते हैं कि हम स्वास्थ्य के आधार पर जमानत बरकरार रखते हैं
- हम हाईकोर्ट द्वारा अन्य सभी टिप्पणियों को अलग रख सकते हैं
- अन्य मुद्दों को टाला जा सकता है

एसजी - एक सह-आरोपी के गंभीर इकबालिया बयान हैं 
- शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी
-  उन्होंने आरोप लगाया कि देशमुख ने अपने अधिकारियों से बार और रेस्तरां से जबरन वसूली करने के लिए कहा था 
- 20 मार्च, 2021 को सीएम को लिखे एक पत्र के अनुसार, देशमुख ने सचिन वजे से वसूली के लिए कहा था

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