'रेजिडेंट डॉक्‍टरों की चिंता वास्‍तविक': NEET-PG में EWS कोटा मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़

जस्टिस चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, '25 नवंबर को जब आपने हमसे कहा कि आप मानदंडों पर फिर से विचार करेंगे. हमने कहा था कि मामले की सुनवाई 6 जनवरी को होगा. आपने अपना हलफनामा दायर किया है हमें याचिकाकर्ताओं को संक्षेप में अवसर देना होगा.

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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना की बेंच यह सुनवाई कर रही है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

NEET- PG में EWS  (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटा मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई शुरू हुई.  इस दौरान जस्टिस डीवाय  चंद्रचूड़ ने कहा, 'रेजिडेंट डॉक्टरों की चिंता वास्तविक है. अगर हम आज दीवान और दातार दोनों सुन लें. तो कल एसजी सुन सकते हैं. हम इस मामले में आदेश जारी करना चाहते हैं.'जस्टिस चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, '25 नवंबर को जब आपने हमसे कहा कि आप मानदंडों पर फिर से विचार करेंगे. हमने कहा था कि मामले की सुनवाई 6 जनवरी को होगा. आपने अपना हलफनामा दायर किया है हमें याचिकाकर्ताओं  को संक्षेप में अवसर देना होगा. इस पर तुषार मेहता ने कहा, ' ये कोटा जनवरी, 2019 का है.इसे कई आवेदकों पर लागू किया गया है., हम ऐसे बिंदु पर हैं जहां काउंसलिंग अटकी हुई हैं. हमें डॉक्टरों की जरूरत है और हम एक समाज के रूप में आरक्षण और लंबी बहस में नहीं जा सकते है.

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तुषार मेहता ने कहा कि एक सरकार के रूप में हम कभी भी किसी भी वर्ग को अवसर से वंचित नहीं करना चाहेंग,  लेकिन अंतिम समय में कई हस्तक्षेप  हुए हैं.  हम इस स्थिति में हैं कि काउंसलिंग अटक गई है.हमें डॉक्टरों की जरूरत है. हम अब एक अलग स्थिति में हैं. काउंसलिंग को चलने दें. हम बाकी पर बहस कर सकते हैं. रेजिडेंट डॉक्टरों का वास्तविक अनुरोध है, काउंसलिंग जारी रखें.जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस  ए एस बोपन्ना की बेंच सुनवाई कर रही है. याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा, 'पिछले साल 13 जुलाई की इसकी घोषणा करते हुए  29 जुलाई को अधिसूचना भी जारी की गई थी. इस अधिसूचना के जरिए नियमों को बदलाव करते हुए 2500 सीटों पर प्रवेश के मानदंड को पूरी तरह से बदल दिया गया जो नही किया जाना चाहिए.  एक बार प्रक्रिया शुरू होने के बाद बदलाव नही किया जाना चाहिए. पहले ही तय किया गया है एक बार खेल शुरू होने के बाद नियम बदले नहीं जा सकते.' 

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सुनवाई की शुरुआत में केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल SG तुषार मेहता ने कहा कि हमने हलफनामा दाखिल किया है. अदालत के हस्तक्षेप के बाद हमने एक्सपर्ट कमेटी बनाई है. इस पर याचिकाकर्ता के लिए श्याम दीवान ने कहा, 'चूंकि मामले की सुनवाई 3 जजों की बेंच ने की थी और अब दो जजों की बेंच सुनवाई कर रही है. क्या आज ये बेंच सुनवाई करेगी ?  हमने 7 अक्टूबर, 2021 को अपने मामले पर पूरी तरह से बहस की थी. मुझे कोई समस्या नहीं है लेकिन एक बिंदु था.' इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 'हम EWS पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.'याचिकाकर्ता के लिए अरविंद दातार ने कहा कि सवाल यह था कि क्या 8 लाख तय करने से पहले कोई कवायद की गई थी? इस पर श्याम दीवान ने कहा, 'हमने OBC आरक्षण पर भी आपत्ति जताई है. हम बस यही  कहना चाहते हैं.' इस दौरान दातार ने कहा कि इस वर्ष के लिए परीक्षा हो चुकी है. अब पुरानी व्यवस्था को कायम रहने दें.'

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