चारधाम यात्रा पर जाने वालों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए केंद्र की खास तैयारी, ऊंचे क्षेत्रों में ड्रोन से भेजी जाएंगी दवाएं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि यात्रा मार्ग पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आपात दवाओं पहुंचाने के लिए मानव रहित विमानों (ड्रोन) का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

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केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया ने उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ बैठक की
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हर साल लाखों श्रद्धालु चार धाम की यात्रा पर जाते हैं
मनसुख मांडविया ने उत्‍तराखंड के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के साथ की बैठक
बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए होगा त्रिस्तरीय ढांचा
नई दिल्‍ली:

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं के लिए केंद्र सरकार शीघ्र ही मजबूत स्वास्थ्य देखभाल एवं आपात प्रबंधन अवसरंचना तैयार करने जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि यह त्रिस्तरीय ढांचा होगा ताकि श्रद्धालुओं को उनकी यात्रा के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ बैठक के बाद मांडविया ने यह बात कही. रावत ने उन लाखों श्रद्धालुओं के वास्ते स्वास्थ्य एवं आपात अवसंरचना के विकास में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया जो हर साल चारधाम की यात्रा पर जाते हैं.

दुर्गम मार्ग पर यात्रियों के सामने आती हैं कई चुनौतियां

बयान के अनुसार रावत ने मांडविया को इस दुर्गम मार्ग पर तीर्थयात्रियों के सामने आने वाली स्वास्थ्य चुनौतियों, पिछले कुछ सालों में हृदयाघात जैसी आपात स्वास्थ्य स्थिति के कारण कई यात्रियों की मौत के बारे में बताया. उत्तराखंड के मंत्री ने कहा कि जान गंवाने वाले यात्रियों में से कई अन्य गंभीर बीमारियां से भी पीड़ित रहते हैं. मांडविया ने केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और कहा, ‘‘तीर्थयात्रा पर जाने वालों के लिए यथाश्रेष्ठ स्वास्थ्य देखभाल एवं स्वास्थ्य आपात अवसंरचना उपलब्ध करायी जाएगी.''

जरूरत पर मरीजों को एम्‍स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज ले जाया जाएगा

न के अनुसार देशभर के चिकित्सा महाविद्यालयों के स्नातोकोत्तर विद्यार्थियों को ‘सुदृढ़ स्वास्थ्य अवसंरचना' के तहत तैनात किये जाने का प्रस्ताव है. मांडविया ने कहा, ‘‘यह अनुभव पीजी विद्यार्थियों के लिए कौशल एवं क्षमता निर्माण के तौर पर काम आयेगा.''इसके अलावा यात्रा मार्ग पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आपात दवाओं पहुंचाने के लिए मानव रहित विमानों (ड्रोन) का भी इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था भी बनायी जा रही है कि जरूरत पड़ने पर मरीजों को एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज ले जाया जा सके.

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