"वो अपने सपने पूरे करने गया था..." : अमेरिका में भारतीय मूल के डांसर की मौत पर बोले परिजन

अमरनाथ के चाचा श्यामल घोष ने सूरी में कहा, "विभिन्न स्रोतों से हमें जो भी जानकारी मिली थी उसके बारे में हमने जिला पुलिस और प्रशासन को बता दिया है लेकिन फिर भी हमें अभी तक उनकी मृत्यु के बारे में कोई विवरण नहीं मिला है."

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अमरनाथ के चाचा ने कहा कि उन्हें अभी भी अपने भतीजे की मौत पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.

क्लासिकल डांसर अमरनाथ घोष के चाचा ने शनिवार को कहा कि वो अमेरिका में अपने भतीजे की मौत के विवरण को लेकर अभी तक अंधकार में हैं, जब्कि उनकी हत्या को चार दिन हो गए हैं. कुचिपुड़ी और भरतनाट्यम डांसर अमरनाथ घोष, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले थे. वह पिछले साल "अपने डांस के सपनों को पूरा करने के लिए" अमेरिका चले गए थे. अमरनाथ को सेंट लुइस अकादमी और सेंट्रल वेस्ट एंड की सीमा पर कई बार गोली मारी गई थी, जिसकी वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी. 

अमरनाथ के चाचा श्यामल घोष ने सूरी में कहा, "विभिन्न स्रोतों से हमें जो भी जानकारी मिली थी उसके बारे में हमने जिला पुलिस और प्रशासन को बता दिया है लेकिन फिर भी हमें अभी तक उनकी मृत्यु के बारे में कोई विवरण नहीं मिला है." अमरनाथ, सूरी शहर के सुभाष पल्ली इलाके में रहते थे और उनके माता-पिता अब नहीं हैं. वह अपने माता-पिता के इकलौती बेटे थे.

स्थानीय पार्षद सुपर्णा रॉय ने भी कहा कि उन्हें हत्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए बीरभूम जिला प्रशासन का कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं था. अमरनाथ की दोस्त देवोलीना भट्टाचार्जी ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "उम्मीद है कि इस जघन्य अपराध पर जानकारी जल्द से जल्द मिलेगी. अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह 2 महीने में भारतीय छात्रों की 5वीं या 6ठी हत्या है. हम सभी यहां बेहद चिंतित और दुखी हैं."

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बता दें कि देवोलीना भट्टाचार्जी ने ही सबसे पहले घोष की मौत के बारे में सोशल मीडिया पर अधिकारियों को सचेत किया था. भट्टाचार्जी ने इस मामले को देखने के लिए अमेरिका में भारतीय दूतावास के एक्स हैंडल्स, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग किया था. उन्होंने शुक्रवार को कहा था, "परिवार में एकमात्र बच्चा, मां की 3 साल पहले मृत्यु हो गई थी. बचपन में ही पिता का निधन हो गया... कारण, आरोपी की सारी बातें अभी तक सामने नहीं आई हैं या शायद उनके कुछ दोस्तों के अलावा उनके परिवार में इसके लिए लड़ने वाला कोई नहीं बचा है.'' 

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