'भारत के रतन का जाना...', PM मोदी ने रतन टाटा को कुछ यूं किया याद

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PM मोदी ने रतन टाटा को किया याद...
नई दिल्‍ली:

रतन टाटा के निधन को एक महीना हो रहा है, लेकिन उनसे जुड़ी यादें लोगों के जेहन में आज भी ताजा हैं. इन लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं. रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा. मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो हमें उस समाज को भी याद रखना है जिसकी उन्होंने कल्पना की थी. इसके अलावा भी पीएम मोदी ने रतन टाटा से जुड़ी कई यादों को शेयर किया...

  1. प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत संबंध: पीएम ने साझा कीं अपनी यादें, कहा, ‘मुझे दशकों से रतन टाटा जी को करीब से जानने और उनके अतुलनीय योगदानों को देखने का सौभाग्य मिला. आज भी शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक, लोग उनकी कमी को गहराई से महसूस कर रहे हैं. हम सबका ये दुख साझा है. चाहे कोई उद्योगपति हो, उभरता हुआ उद्यमी हो या कोई प्रोफेशनल हो, हर किसी को उनके निधन से दुख हुआ है.'
  2. भावुक श्रद्धांजलि : पीएम मोदी ने कहा, ‘रतन टाटा जी के निधन ने भारत में एक गहरी कमी छोड़ दी है. भारत ने एक सच्चे सपूत और अमूल्य रत्न को खो दिया है. इस पीड़ा को भुला पाना आसान नहीं है. रतन टाटा जी के तौर पर भारत ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है...एक अमूल्य रत्न को खो दिया है.'
  3. युवाओं और नवाचार के प्रेरणास्रोत : पीएम ने रतन टाटा जी की युवाओं के प्रति प्रेरणा को रेखांकित किया और कहा, ‘रतन टाटा ने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने और नवाचार की ओर साहसी कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. भारत के युवाओं के प्रयासों का समर्थन करके, उन्होंने नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया. उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप की संस्कृति विकसित करने में बड़ी मदद की है. आने वाले दशकों में हम भारत पर इसका सकारात्मक प्रभाव जरूर देखेंगे.'
  4. राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पण : रतन टाटा को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन और कैंसर देखभाल के प्रति रतन टाटा जी का उत्साह उनके जनकल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.  स्वच्छ भारत मिशन के प्रति श्री रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था. वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे. वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं. अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है. यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है.'
  5. साहस का प्रतीक : पीएम ने 26/11 के दौरान रतन टाटा के नेतृत्व की सराहना की, उन्‍होंने कहा, ‘ताज होटल को फिर से खोलना भारत के साहस और आतंकवाद के सामने न झुकने का प्रतीक था. रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि भारत रुकेगा नहीं...भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है.'
  6. वैश्विक स्तर पर टाटा नेतृत्व की पहचान : पीएम ने कहा, ‘रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह उत्कृष्टता, ईमानदारी और वैश्विक सम्मान का प्रतीक बन गया. व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया. इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे.'
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  8. दया और संवेदनशील समाज की दृष्टि : पीएम ने कहा, ‘हमें उस समाज को याद रखना चाहिए, जिसकी रतन टाटा जी ने कल्पना की थी, जहां व्यापार अच्छाई की शक्ति हो और प्रगति का आकलन सभी के कल्याण के आधार पर किया जाए. रतन टाटा जी आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया. भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी.'
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