हत्‍या मामले में सजा काट रहे पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को HC ने मंजूर की तीन दिन की हिरासती परोल

हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन के पिता का 19 सितंबर को देहांत हो गया था. उसने पिता की कब्र पर जाने, बीमार मां तथा परिवार से मिलने के लिये हिरासती परोल मांगी थी.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन को हाईकोर्ट ने तीन दिन की हिरासत परोल मंजूर की है
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन (Shahbuddin)को राष्ट्रीय राजधानी में अपने परिवार से मिलने के लिये तीन दिन की हिरासती परोल (Custody parole) दे दी.राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व नेता शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर 2018 में बिहार की सीवान जेल (Siwan jail) से तिहाड़ जेल लाया गया था.शहाबुद्दीन ने अपने पिता के देहांत के बाद परिवार से मिलने सीवान जाने के लिये हिरासती पैरोल मांगी थी.

मेरे पति शहाबुद्दीन 17 साल से जेल में तो उनके नाम पर क्यों हो रही सियासत : हिना साहेब

न्यायमूर्ति ए जे भंभानी ने कहा कि बिहार और दिल्ली की पुलिस ने संयुक्त रूप से कहा है कि वे शहाबुद्दीन की अभिरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते और उनका कहना है कि उसकी अभिरक्षा तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये बहुत अधिक संसाधनों की जरूरत पड़ेगी.अदालत ने कहा, ''''ऐसे मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं जब राज्य सरकारें यह वादा करने से बचती हैं कि वे किसी कैदी की हिरासत सुनिश्चित कर सकती हैं. यह निश्चित रूप से उसी प्रकार का एक मामला है.''''हाईकोर्ट  ने बुधवार को आदेश पारित किया, जिसके अनुसार शहाबुद्दीन 30 दिन के अंदर अपनी पसंद के किसी भी तीन दिन में छह घंटे की ''''हिरासती परोल'''' ले सकता है. वह चाहे तो लगातार तीन दिनों तक छह-छह घंटे या फिर 30 दिनों के अंदर किसी भी तीन दिन में इतने घंटे की पेरोल ले सकता है.

Advertisement

अदालत ने कहा कि परोल की अवधि के दौरान उसे सिर्फ अपनी मां, पत्नी और अन्य रक्त संबंधियों से मिलने की ही इजाजत होगी.हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन के पिता का 19 सितंबर को देहांत हो गया था. उसने पिता की कब्र पर जाने, बीमार मां तथा परिवार के सदस्यों से मिलने के लिये हिरासती परोल मांगी थी.शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं. 15 फरवरी 2018 सुप्रीम कोर्ट ने उसे बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Terrorist Attack in Pakistan: गधों पर ले गए Army जवानों के शव
Topics mentioned in this article