अगर आप फैटी लीवर की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको बगैर देरी किए इसका इलाज कराना चाहिए. ऐसा इसलिए भी क्योंकि फैटी लीवर होने के बाद आपको कैंसर, बीपी और इस तरह की कई बड़ी बीमारियां होने की आशंका रहती है. ऐसा कहना है कि डॉ. एसके सरीन का. ऐसे में इसका समय से इलाज कराना ही एक बेहतर विकल्प है. डॉ. एसके सरीन ने वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के मौके पर NDTV से खास बातचीत में कहा कि WHO का इस साल का नया स्लोगन है वन लाइफ, वन लीवर. भारत में फैटी लीवर के मरीजों की संख्या दर बीतते दिन के साथ बढ़ रही है. यही वजह है कि भारत में हर तीन में एक आदमी को फैटी लीवर की शिकायत है.
डॉ. एसके सरीन ने आगे कहा कि भारत में करीब 25 करोड़ लोगों को फैटी लीवर की शिकायत है. अगर लीवर में फैट है तो आपको डायबिटीज है, बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल है और बाद में इससे कैंसर होने का भी खतरा बना रहता है. अगर हम ये ठान लें कि हमें फैटी लीवर की समस्या को दूर करना है तो हम अगले एक दशक में इस समस्या को दूर कर सकते हैं.
बात अगर हेपेटाइटिस बी के बारे में करें तो पहले हालात बहुत अच्छे नहीं थे. लेकिन अब जबसे टीकाकरण में सुधार हुआ है. पहले जहां पॉजिटिव होने की दर 4.7 फीसदी थी वो अब घटकर 2 से तीन फीसदी के बीच रह गई है. हालांकि, कुछ इलाकों में अभी भी ज्यादा है. ये प्रभाव वैक्सीनेशन और लोगों की जागरुकता का प्रभाव है.
उन्होंने कहा कि डॉ. एसके सरीन ने कहा कि अगर बात नवजात बच्चों की की जाए तो अभी भी भारत में 60 से 65 फीसदी बच्चों को तीसरी डोज लगाई जाती है. हमे नवजात के पैदा होते ही 10 से 14 हफ्ते के अंदर तीन टीके लगाना चाहिए ताकि उसे पूरी जिंदगी कोई दिक्कत ना हो.
हेपेटाइटिस बी को खत्म करने के तीन तरीके हैं . पहला तो ये कि नवजात बच्चे को तीन टीके लगवाए. दूसरा अगर किसी को हेपेटाइटिस बी है तो डरे नहीं और वो जाकर अपना इलाज करे. तीसरा, हम लोग ऐसे सारे प्रयास से बचें जिससे यह बीमारी खून के माध्यम से एक से दूसरे में जाए.
हमने लोगों को हेपेटाइटिस से बचाने के लिए 2018 मे नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम लॉन्च किया. आप इस प्रोग्राम के तहत आप अपने सारे टेस्ट फ्री में करवा सकते हैं. इसमें सभी दवाइयां फ्री हैं. साथ ही सरकार से गुजारिश है कि सरकार फैटी लीवर को लेकर कुछ बड़े कदम जरूर उठाए. फैटी लीवर को लेकर हमारा देश विश्व में नंबर एक पर है.