NDTV के रिपोर्टरों की आंखोंदेखी: अस्पताल से 'बाबा' के घर तक पड़ताल, जानें किस हाल में हाथरस

हाथरस सत्संग हादसे में मां की चीख, पिता की पुकार, बच्चों का बिलखना....ये सब मन को झकझोर रहा है. योगी सरकार राहत कार्य में लगी है, जांच भी करने की बात कही गई है, लेकिन जिस के घर का कोई चला गया, वो कभी लौटकर नहीं आएगा... उनकी जिंदगी का ये दर्द आखिर कैसे भरेगा, क्या ऐसे हादसों से सबक लिया जाएगा, या कुछ दिन बाद सब भूल जाएंगे... ये सवाल अभी भी सामने खड़े हैं...

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
हाथरस में सत्संग बना श्मशान...

हाथरस सत्संग हादसे में 121 लोगों की दर्दनाक मौत ने एक बार फिर एक 'बाबा' को सुर्खियों में ला दिया है. सवाल उठने लगे हैं कि अपनी सुरक्षा को यूं दांव पर लगाकर और इतनी भयंकर गर्मी में छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ आखिर लोग इस तरह के कार्यक्रमों में कैसे पहुंच जाते हैं. हादसे के बाद से चारों ओर चीख पुकार दिख रही है. कोई अपने परिजनों को ढूंढ रहा है तो कोई किसी अपने के शव का इंतजार कर रहा है. मां बिलख रही हैं, पति रो रहा है, बच्चों की आंखें अपनों को ढूंढ रही है. बहुत ही दुखद मंजर है. किसी ने नहीं सोचा था कि आनंद के लिए सत्संग में जाएंगे तो वापस लौटकर ही नहीं आएंगे. एक दादी बिछड़ी अपनी पोती की तलाश में है तो वहीं एक सास माथा पीटपीट कर अपनी बहू को ढूंढ रही है. पीड़ित रातभर अपने परिजनों को इधर से उधर ढूंढते रहे, ना किसी को चैन है ना किसी को होश, भूखे प्यासे लोगों को कुछ खाने या पीने की पूछो तो मना कर रहे हैं... 

पोती नहीं मिली तो घर वापस नहीं जाऊंगी : बुजुर्ग महिला उर्मिला ने एनडीटीवी की बताई अपनी पीड़ा

हाथरस में एनडीटीवी ने उन लोगों से बात की जो इस हादसे के बाद से ही अपनों को ढूंढने में एक अस्पताल से दूसरे अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं. उर्मिला देवी भी उन श्रद्धालुओं में से एक हैं, जो भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने आई थीं. इस दौरान उनके साथ उनकी 16 साल की पोती भी थी. अब वह अपनी पोती की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल चक्कर लगा रही हैं. NDTV ने जब उर्मिला देवी से बात की तो उनके आंसू छलक गए. उन्होंने बताया कि जिस समय सत्संग के बाद भगदड़ मची उस दौरान मेरी पोती मेरे साथ थी.  फिर भगदड़ मची और पोती हमसे बिछड़ गई. अब घरवाले पूछेंगे कि बेटी कहां है क्या जवाब दूंगी. जब तक पोती नहीं मिलेगी मैं घर वापस नहीं जाऊंगी. हादसे के मंजर के बारे में बताते हुए उर्मिला ने कहा कि सत्संग खत्म होने के बाद लोग जल्दी में थे. भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे चले गए. मुझे धक्का लगा मगर एक औरत ने मुझे उठा दिया. इस दौरान बस मेरी पोती मुझसे बिछड़ गई.

आंखें पथरा गई हैं... आंसू भी नहीं निकल रहे... एक बुजुर्ग ने बिलखती हुई NDTV से बोलीं

हाथरस में अभी कई लोगों को इस कार्यक्रम में आए अपने परिजन नहीं मिल रहे. वे उनकी तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल चक्कर काट रहे हैं. इतने शवों को वे देख चुके हैं कि उनकी आंखें भी पथरा गई हैं. एनडीटीवी को ऐसे कई लोग मिले हैं जो अपनों की तलाश में जुटे हैं. अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के बाहर अपने परिवार की तलाश में आई बुजुर्ग महिला का दर्द सुनकर आप भी परेशान हो जाएंगे. वह रोते-रोते बताती हैं कि उनकी बहू नहीं मिल रही. माथा पीट-पीटकर वह कहती हैं कि उनकी आंखें पथरा गई हैं, उनके आंसू सूख गए हैं. उनकी बहू नहीं मिल रही. साथ ही खड़े एक शख्स ने बताया कि इस हादसे में उनकी बेटी की मौत हो चुकी है.

Advertisement

बाबा के चरणों  की धूल लेना चाहते थे उनके भक्त, मौतों की खबर मिलते ही बाबा भागे

हाथरस  में मौके पर पहुंचे एनडीटीवी के मुकेश सिंह सेंगर ने यहां चश्मदीदों से बात की. उन्होंने बताया कि लोग बाबा के चरणों की धूल लेना चाहते थे. इसके चलते भगदड़ मची. भगदड़ के समय बाबा मौजूद थे. 40-45 मिनट वो रुके थे.  ढाई से तीन लाख की भीड़ थी. खेत में पानी भरा था. लोग एक के ऊपर एक गिरते गए. जो एक बार गिरा वो दोबारा उठ नहीं पाया.

Advertisement

बाबा के आश्रम से स्थानीय पत्रकारों ने किया बड़ा खुलासा

मैनपुरी के आश्रम के सामने एनडीटीवी के रवीश रंजन शुक्ला ने वहां मौजूद पत्रकारों से बात की. उन्होंने बताया कि भोले बाबा के सत्संग में मीडिया बैन होती थी. सत्संग में इतनी भीड़ इतनी रहती है कि ज्यादा सवाल जवाब नहीं कर सकते. वहां उनका निजी स्टाफ होता है प्रबंध के लिए. उनके निजी सुरक्षा गार्ड होते हैं. उनके साथ हमेशा ब्लैक कमाडों जैसे लोग चलते हैं. बड़ी बड़ी गाड़ियों का काफिला चलता है.वो एकदम भौकाल टाइप बनाकर चलते हैं.

Advertisement

बाबा की क्राइम कुंडली पर भी एक नजर

बता दें कि इस मामले में सत्संग करवाने वाला स्वंयभू बाबा भोलेनाथ उर्फ सूरज पाल यौन शोषण का आरोपी रहा है. योन शोषण के आरोप में FIR भी दर्ज हुई थी. सूरजपाल पर अब तक 5 मुकदमे दर्ज हैं. यूपी के आगरा, इटावा, कासगंज, फ़र्रूख़ाबाद में एक-एक केस दर्ज है. राजस्थान के दौसा में भी एक केस दर्ज है. 1997 में यौन शोषण के केस में सूरजपाल जेल भी गया था. साल 2000 में आगरा में पाखंड फैलाने के केस में जेल गया था. सूरज पाल LIU इटावा में पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल था.सत्संग में साथ बैठने वाली महिला रिश्ते में सूरजपाल की मामी है. अपने भक्तों के बीच साकार विश्व हरि बाबा के रूप में पहचान है. बाबा साकार विश्व हरि का जन्म कासगंज के बहादुर नगर में हुआ. वह यहां पला बड़ा और पुलिस विभाग में भर्ती हो गया. 1997 में बाबा पर यौन शोषण का मुकदमा दर्ज हुआ है. वह जेल भी गया था. बाद में वह साकार विश्व हरि बाबा बनकर सत्संग करने लगा. गांव में साकार विश्व हरि बाबा का नाम सूरजपाल है. उनकी पत्नी का नाम कटोरी देवी है. सूरजपाल तीन भाइयों में से सबसे बड़ा है. इनसे छोटे भाई का नाम रामप्रसाद है, जिसकी मृत्यु हो चुकी है. तीसरे नंबर के भाई का नाम राकेश है. ये गांव में रहकर खेती का काम करते हैं. सूरजपाल से बने साकार विश्व हरि बाबा अपने पैतृक गांव में बने आश्रम पर आखिरी बार 23 मई 2023 को आये थे, तबसे नहीं आए हैं, हालांकि उनके आश्रम पर हर मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है. बाबा के अनुयाई आश्रम पर पहुंचकर अपने आपको को धन्य समझते हैं.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Mohan Bhagwat के बयान के बाद मंदिर-मस्जिद विवादों पर लगेगी रोक? | Yogi Adityanath | Sambhal |Muqabla
Topics mentioned in this article